UTTARAKHAND

दीपा नगरकोटी के गीतों पर थिरका ”कौथिक”

कलाकार तान्या का सम्मान

वेदविलास उनियाल /मयंक आर्य 
नवी मुम्बई  :  कौथिक की आज की शाम दीपा नगरकोटी के गीतो पर थिरकी। मुंबई के नेरुल के रामलीला मैदान में आयोजित कौथिक महोत्सव में आज लोकगायिका दीपा नगरकोटी ने लोकगीतों का ऐसा समा बांधा कि लोग देर तक झूमते रहे। उत्तराखंड की विभिन्न संस्कृतियों को अपने में समेटे एक मंच में जब दीपा ने सुनी वे परदेशा गीत के अलावा दूसरे लोकगीत गाने क शुरु किए तो लोकसंगीत का प्रभाव सबके मन में छा गया।
 
सधी हुई आवाज, शब्दों के स्पष्ट उ्च्चारण और लय ताल पर बखूबी दीपा ने एक के बाद कई गीत गाए। पहाडों में महिलाओं की व्यथा और उनके कठिन जीवन को आधार बनाकर भी उन्होंने एक सुंदर गीत सुनाया। कौथिग के मुख्य मेहमानों में आज तान्या आमंत्रित थी। तान्या फिल्म जगत का एक उभरता हुआ नाम है। मशहूर संस्कृतकर्मी प्रो डीआर पुरोहित की बेटी तान्या डोभाल ने अपनी कला से मुकाम बनाया है। वह हाइवे फिल्म में  अपनी कला से प्रभावित कर चुकी हैं। इसके अलावा रंगमंच की कुशल अभिनेत्री है। इसी कडी में धीरेंद्र राजपूत ने सैनिकों के सम्मान में तैयार किया गीत ऐगे फोज को आर्डर गाकर सैन्य जीवन के प्रति सम्मान और आस्था को जगाया।  भावनाओं को जगाया। इस अवसर पर पुश्कर महक ने भी गीतों का समा बांधा।
कौथिग के प्रागण में आज भी दर्शकों का अपार जनसमूह उमडा। कार्यक्रम का सफल संचालन दिनेश विष्ट ने किया। कौथिक में आए मेहमानों को वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र जोशी के 
हाथों सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कौथिक के संयोजक  केशर सिंह  विष्ट ने लोकसंस्कृति पर कहा कि संस्कृति और परंपरा के नाम पर जनता में एकता की भावना को बढाएं। आयोजन में छोलिया नृत्य कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते रहे। पहाडी साजों के साथ उनकी प्रस्तुति प्रगाण में लोकजीवन के रंग बिखेरती रही।
 कौथिग में खानपान, पहाडी उत्पाद, कला गर्म कपडे तमाम चीजों के स्टाल लगे हैं। पहाडी व्यजन की सौ रुपए की थाली का लोगों ने लुत्फ उठाया। आज के आयोजन में पंडित सास्वत पंकज सति और उनके साथी अऩुज संती ने सरुली तेरु जिया लगीगे गीत के अलावा दूसरे कई गीतों पर फ्यूजन को प्रस्तुत किया। इसे काफी सराहा गया।

devbhoomimedia

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