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IMA के इतिहास में पहली बार मास्क पहनकर हुई पासिंग आउट परेड, देश को मिले 333 युवा फ़ौजी अफसर

333 भारतीय और 90 विदेशी कैडेट हुए पासआउट

उत्तरप्रदेश के सबसे ज्यादा 66 कैडेट जबकि उत्तराखंड ने भी शीर्ष में जगह बनाते हुए 31 कैडेट सेना में बने अफसर 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

भारत-चीन सीमा पर सब कुछ नियंत्रण में: जनरल एमएम नरवाणे

देहरादून। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे ने कहा कि  चीन के साथ हमारी सीमाओं पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। हम चीन के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं जो कोर कमांडर स्तर की वार्ता के साथ शुरू हुई है और स्थानीय स्तर पर समकक्ष रैंकों के कमांडरों की बैठकों के साथ इसका पालन हो रहा है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमारे द्वारा किए जा रहे निरंतर संवाद के माध्यम से हम सभी कथित मतभेदों को खत्म कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा पर सब कुछ नियंत्रण में है। इससे पहले छह जून को भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है। इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया था तो वहीं, चीन का प्रतिनिधित्व कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया था।
दोनों ही देशों की सरकारों ने बैठक के बाद सकारात्मक रुख जरूर अपनाया था, लेकिन जमीनी स्तर पर त्वरित परिणाम नहीं निकल सका है। ऐसे में दोनों देश सीमा विवाद को लेकर कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत को जारी रख सकते हैं।
सेनाध्‍यक्ष ने नेपाल के मुद्दे पर कहा कि नेपाल के साथ हमारे बहुत मजबूत संबंध हैं। हमारे उनसे भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक संबंध हैं। उनके साथ हमारा संबंध हमेशा मजबूत रहा है और भविष्य में भी मजबूत रहेगा।
देहरादून : IMA यानि भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में पहली बार पासिंग आउट होने वाले कैडेट ने मुंह पर मास्क पहनकर प्रतिभाग किया वहीं इस बार की पासिंग आउट परेड कैडिट के माता-पिता और रिश्तेदारों की अनुपस्थिति में  अंतिम पग पार किया। इस बार 333 भारतीय और 90 विदेशी कैडेट ने आईएमए से प्रशिक्षण पूरा कर भारतीय सेना और विदेशी कैडेट अपने देशों की कमान संभालने को पासिंग आउट परेड में भाग लिया।  इस तरह शनिवार को कुल 423 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना के अभिन्न अंग बन गए।
जानिए किस देश को मिले कितने ऑफिसर
देश                    अफसर
भारत  –               333
अफगानिस्तान-    48
तजाकिस्तान-      18
भूटान –               13
मालदीव-             03
मारिशस-            03
फिजी-                02
श्रीलंका-              01
वियतनाम-          01
पपुआ न्यू गिनी – 01
आइएमए के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परिमल पराशर की अगुआई में परेड के लिए पहुंचे। कंपनी सार्जेट मेजर अभिमन्यु कौशिक, रोहित कुमार, सूरज राय, प्रिंस राज, नितिन सुरेश व आजिंक्य कलसे ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। इसके बाद परेड कमांडर शिवकुमार सिंह चौहान ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली।
इस दौरान सबसे पहले डिप्टी कमांडेंट ने परेड की सलामी ली। वहीं ठीक सात बजकर पांच मिनट पर कमांडेंट ले. ज. जयवीर सिंह नेगी ने परेड की सलामी ली। जिसके बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परेड का निरीक्षण किया।
इसके बाद आइएमए की पीओपी के मुख्य अतिथि भारतीय सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे परेड मैदान में पहुंचे। जेंटलमैन कैडेट्स ने सलामी देकर उनका स्वागत किया। परेड की अनुमति देने के बाद वे निरीक्षण किया। आइएमए परेड में इस बार कोरोना के लिहाज से हर स्तर पर एहतियात दिख रही है। हर टुकडी में अमूमन दस कैडेट एक लाइन में होते हैं, पर इस बार इनकी संख्या आठ रखी गयी। ताकि कैडेटों के बीच दो मीटर की दूरी बरकरार रहे।
कोरोना संक्रमण के चलते इस बार कोरोना संक्रमण के चलते परेड की भव्यता कम रही। कैडेटों के परिजन परेड में शामिल नहीं हो सके। वहीं कैडेट इस बार छुट्टी में अपने घरों को लौटने के बजाय अपनी-अपनी कमान में रिपोर्ट करेंगे। इस बार परेड सादगी से हुई। पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पासिंग आउट बैच के 423 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। इनमें 333 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिलें, जबकि 90 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम की सेना का अभिन्न अंग बने।
विशेष सम्मान  पाने वाले कैडिट :-
 -स्वार्ड ऑफ ऑनर- बटालियन अंडर ऑफिसर आकाशदीप सिंह ढिल्लो
 -स्वर्ण पदक- एकेडमी अंडर आफिसर शिव कुमार चौहान
 -रजत पदक -एकेडमी कैडेट एज्युडेंट सक्षम राणा
 -कांस्य पदक-सीनियर अंडर आफिसर सूरज सिंह
 -रजत पदक (टीजीसी)-जूनियर अंडर आफिसर भरत योगेन्द्र
 -श्रेष्ठ विदेशी कैडेट-दोन वॉन सोन (वियतनाम)
 -सीआईएस बैनर-केरेन व सिंगढ़ कंपनी
इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 562 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया। इनमें मित्र देशों को मिले 2503 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। इस बार यूपी के सबसे ज्यादा 66 कैडेट पास आउट हुए।
हालांकि उत्तराखंड ने भी शीर्ष में जगह बनाई है। उत्तराखंड से इस बार 31 कैडेट सेना में अफसर बने। उत्तराखंड-बिहार के साथ संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर है। दूसरे नंबर पर 39 कैडेट के साथ हरियाणा है।

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