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महाराष्ट्र में हुये ‘वार’ का ‘पलटवार’ उत्तराखण्ड’ में…!

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस राज्य की भाजपा सरकार पर हमलावर

दीपक फर्स्वाण 
अमनमणि प्रकरण में भाजपा का दोहरा चरित्र एक बार फिर उजागर हुआ है। महाराष्ट्र में तो भाजपा ने प्रमुख सचिव पर कार्रवाई का दबाव बनाया और यहां अपर मुख्य सचिव को बचाया जा रहा है। जनता सब देख रही है’।
 प्रीतम सिंह, अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी
महाराष्ट्र के चर्चित वधावन प्रकरण में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के दबाव में वहां की सरकार को अपने प्रमुख सचिव पर कार्रवाई करनी पड़ी और अब उत्तराखण्ड में घटित हुये विधायक अमनमणि प्रकरण से बाजी कांग्रेस के हाथ आ गई है। उत्तराखण्ड में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस राज्य की भाजपा सरकार पर हमलावर है और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का लगातार दबाव बना रही है। चूंकि महाराष्ट्र सरकार ने अपने एक नौकरशाह पर कार्रवाई भी की है लिहाजा उत्तराखण्ड में कांग्रेस फ्रंट फुट पर है।

बीते 10 अप्रैल को मायानगरी मुंबई में कोरोना वायरस के कहर के बीच डीएफएचएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन अपने 23 फैमिली मेंबर्स के साथ घूमने के लिए खंडाला से महाबलेश्वर निकल पड़े। वधावन ब्रदर्स को प्रमुख सचिव गृह अमिताभ गुप्ता ने लॉकडाउन में भी यात्रा की अनुमति का पत्र जारी किया था। विपक्षी दल भाजपा ने इसे मुद्दा बना लिया। शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस की संयुक्त सरकार पर हमले की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फर्नाडीस ने संभाली।

मैंने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर महाराष्ट्र के वधावन प्रकरण का हवाला दिया है ताकि उत्तराखण्ड के दोषी नौकरशाह पर कार्रवाई करने में सहूलितय रहे और आधार मिल सके’।

मनोज रावत, विधायक केदारनाथ

सरकार पर दबाव बना तो लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में वधावन ब्रदर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया और मामले की जांच के आदेश देने के साथ ही प्रमुख सचिव अमिताभ गुप्ता को जांच पूरी होने तक फोर्स लीव पर भेज दिया गया। कांग्रेस महाराष्ट्र में हुये इस सियासी वार का उत्तराखण्ड में भाजपा पर पलटवार करना चाहती है। यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और कांग्रेस के विधायक अमनमणि प्रकरण में त्रिवेन्द्र सरकार के खिलाफ मुखर हैं।

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