भाजपा नेता खुद ही खनन कराने में लिप्त हैं और उन्हें बदनाम भी कर रहे
मोदी की सारी कैबिनेट यहाँ तो उत्तराखंड में कर लें कैबिनेट की बैठक
हरिद्वार : गंगा में खनन को लेकर सरकार पर उठ रहे सवालों के बीच मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि अगर चाहे तो केंद्र सरकार खनन का नियंत्रण खुद अपने पास रख ले। भाजपा नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए कि प्रदेश में स्टोन क्रशर और खनन के पट्टे जारी करने की अनुमति किसने दी थी? सीएम ने कहा कि उनके समय में एक भी खनन पट्टे को अनुमति नहीं दी गई।
कई विकास योजनाओं का लोकार्पण करने हरिद्वार आए सीएम हरीश रावत ने कहा कि भाजपा नेता खुद ही खनन कराने में लिप्त हैं और उन्हें बदनाम भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कभी अवैध खनन को बढ़ावा नहीं दिया। विधिवत नियमावली बनाकर खनन किया जा रहा है। हरिद्वार की जनता खुद तय करे कि हरिद्वार में खनन होना चाहिए कि नहीं?
मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद के आंदोलन और मुख्यमंत्री सहित कई अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात पर हरीश रावत ने कहा कि मातृसदन अगर मुकदमा दर्ज कराता है तो वह इसे भी संतों का आशीर्वाद समझेंगे। केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में हस्तक्षेप करने पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चाहे तो खनन अपने नियंत्रण में रख ले, लेकिन यह स्पष्ट करना होगा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस तरह की सिफारिशें क्यों नहीं मानी थी?
एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि जिस तरह से भाजपा का पूरा कुनबा उत्तराखंड में ही डेरा डाले पड़ा है, उससे तो अच्छा होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट की बैठक भी यहीं कर लें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा नेता यहां दिन-रात घूम रहे हैं, उनका प्रदेश में स्वागत है। साथ ही उन्होंने अपनी तुलना एक ऐसे किसान से की, जिसके यहां फसल कट रही है और उसका एक पांव कभी घर में तो कभी खेत में रहता है।