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देश तो एक महीने से खड़ा है लाइन में सरकार

नोटबंदी को पूरा हुआ एक महीना, आखिर कहां है काला धन ?

नई दिल्ली। पीएम मोदी के पुराने नोट बंद करने वाले फैसले से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पुराने नोटबंदी का आज 30वां दिन है। पैसे के लिए बैंक के बाहर लंबी कतार लगी हुई है। वहीं अभी तक कैश की परेशानी दूर नहीं हुई है। पीएम मोदी ने 30 दिसंबर तक का वक्त मांगा था जिसमें अब 22 दिन बचे हैं।

अभी तक नहीं दूर हुई लोगों की दिक्कतें नोटबंदी के बाद 

नोटबंदी के बाद से दिल्ली से लेकर हर जगह कैश की किल्लत बरकरार है। एक महीने बाद भी बैंक शाखाओं तथा एटीएम के आगे कतारें कम नहीं हो रही हैं। लोग अपने वेतन का पैसा पाने के लिये अब भी घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं कई बैंक कम नकदी होने की वजह से सरकार द्वारा तय सीमा से कम रकम ग्राहकों को दे रहे हैं।

निकाल नहीं सकते अपना ही पैसा

नकदी की कमी से जूझ रहे हैं बैंकों ने निकासी के लिये स्वयं से सीमा लगायी है। इसके तहत कुछ मामलों में ग्राहकों को 2,000 रूपये तक ही निकालने की अनुमति दी जा रही है जबकि रिजर्व बैंक ने प्रति सप्ताह 24,000 रपये की सीमा तय की हुई है। हालांकि रिजर्व बैंक का कहना है कि नोट की पर्याप्त आपूर्ति है और लोगों से नई मुद्रा घरों में जमा नहीं करने को कहा है।

12 लाख करोड़ रूपये बैंक में जमा हुए अब तक 

12 लाख करोड़ के 500 और हजार के पुराने नोट अब तक बैंकों में जमा हो चुके हैं। रिजर्व बैंक ने कहा है कि अब तक बैंकिंग सिस्टम में 11 लाख 85 हजार करोड़ रुपये के पुराने नोट वापस आ चुके हैं। इसके साथ ही 3 लाख 81 हजार करोड़ रुपये लोगों ने निकाले हैं। इसमें 1910 करोड़ छोटे नोट भी शामिल हैं। बैंकों से निकाले गए पैसों में 2000 और 500 के नए नोटों की कीमत पौने तीन लाख करोड़ रुपये है।सरकार ने कहा कि जल्द ही बाजार में 500 के नए नोटों की सप्लाई और बढ़ेगी। एक हजार रुपये के नए नोट आने की अटकलों को सरकार ने फिलहाल खारिज किया है।

आरबीआई ने कहा कि करीब 12 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट बैंकिंग सिस्टम में लौट आए हैं। सरकार कह रही है कि सारा पुराना नोट बैंक में आ जाएगा। तो अब सवाल ये है कि जिस काले धन की बात कहकर नोटबंदी की गई वो काला धन कहां है। क्यों देश एक महीने से लाइन में खड़ा है। बता दें कि नोट बंद होने की वजह से अब तक कई लोगों की जान चली गई।

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