जिम्मेदार किसी भी बड़े से बड़े अधिकारी के विरूद्ध की जाएगी कठोर कार्रवाई
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देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नागरिकता बिल के पारित होने पर प्रधानमंत्री मोदी एवं गृह मंत्री को दी बधाई
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नागरिकता बिल के लोकसभा के बाद आज राज्यसभा से भी पारित होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जिस तरह के सुधारात्मक कदम अपने इस कार्यकाल में उठाए गये हैं वे बहुत ही ऐतिहासिक हैं।
उन्होंने कहा कि चाहे देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मामला हो अथवा हमारे पड़ोसी देश में रहने वाले लोगों को प्रताड़ित करने का मामला हो इस संबंध में उठाया गया यह कदम सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि देश विभाजन के समय पाकिस्तान में 10 प्रतिशत हिन्दू थे जो आज घटकर 2 प्रतिशत रह गये हैं इससे प्रतीत होता है कि या तो उन्हें बलात धर्मांतरण करने को विवश किया गया या प्रताड़ित कर देश छोड़ने को विवश किया गया, इस प्रकार के पीड़ित लोगों को भारत सरकार शरण देकर उन्हें नागरिकता प्रदान करती है तो यह स्वागत योग्य कदम है।
देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट का उनके द्वारा गहन अध्ययन किया जा रहा है, यदि इस रिपोर्ट में अनियमितताएँ सामने आई या जानबूझकर इसमें गड़बड़ी पाई गयी तो इसके लिए जिम्मेदार किसी भी बड़े से बड़े अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अनियमितता करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
बुधवार को सचिवालय में मीडिया प्रतिनिधियों से अनौपचारिक वार्ता करते हुए लोकसभा द्वारा नागरिकता बिल को मंजूरी दिए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह को इसके लिए बधाई देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जिस तरह के सुधारात्मक कदम अपने इस कार्यकाल में उठाए गये हैं वे बहुत ही महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि चाहे देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा विषय हो अथवा हमारे पड़ोसी देश में रहने वाले लोगों को प्रताड़ित करने का मामला हो इस संबंध में उठाया गया यह कदम सराहनीय है। उन्होंने कहा कि देश विभाजन के समय पाकिस्तान में 10 प्रतिशत हिन्दू थे जो आज घटकर 2 प्रतिशत रह गये हैं इससे प्रतीत होता है कि या तो उन्हें बलात धर्मांतरण करने को विवश किया गया या प्रताड़ित कर देश छोड़ने को विवश किया गया, इस प्रकार के पीड़ित लोगों को भारत सरकार शरण देकर उन्हें नागरिकता प्रदान करती है तो यह स्वागत योग्य कदम है।