भ्रष्टाचार के आरोपी को कहीं साक्ष्य मिटाने को तो नहीं दे दी लंबी छुट्टी!

- समाज कल्याण विभाग का छात्रवृत्ति घोटाला
- एसआइटी खंगालेगी आरोपी के करीबियों की कुंडली
- लोकसभा चुनाव के दौरान आरोपी को कैसे मिली छुट्टी,होगी जांच
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून: एसआइटी के प्रभारी मंजुनाथ टी सी का कहना है कि भ्रष्टाचार से घिरे अफसर को चुनाव के दौरान छुट्टी देना जांच का विषय है और छुट्टी के बाद से आरोपित अधिकारी का मोबाइल फोन बंद है और वह अंडरग्राउंड हो रखा है। घर में नोटिस तक चस्पा करने के बावजूद आरोपित सामने नहीं आ रहा है। जांच के लिए जल्द आरोपित का गिरफ्तारी वारंट लिया जाएगा।
करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में घिरे तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर एसआइटी की जांच में घिर गए हैं। भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज करने के बाद एसआइटी ने लोकसभा चुनाव के दौरान 40 दिन की छुट्टी देने को भी जांच में शामिल कर लिया है। एसआइटी का मानना है कि कहीं आरोपित को साक्ष्य मिटाने के लिए तो छुट्टी नहीं दी गई। इस आधार पर एसआइटी आरोपित के करीबियों की कुंडली भी खंगलने में जुट गई है।
हरिद्वार जनपद के चार कॉलेजों में 50 करोड़ से ज्यादा की छात्रवृत्ति घोटाले में उप निदेशक जनजाति कल्याण अनुराग शंखधर की भूमिका स्पष्ट हो गई हैं। एसआइटी ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में एसआइटी आरोपित की गिरफ्तारी के लिए बुधवार को शासन को पत्र भेजेगी।
वहीं एसआइटी सूत्रों का कहना है कि आरोपित ने जिला समाज कल्याण अधिकारी हरिद्वार रहते हुए कई कॉलेजों को फर्जी छात्र-छात्रओं के नाम पर करोड़ों की छात्रवृत्ति आवंटित की है। यही नहीं आरोपित लंबे समय से देहरादून में भी तैनात रहे हैं। यही कारण है कि एसआइटी की जांच में 29 कॉलेज देहरादून के भी शामिल हैं। इन कॉलेजों को भी करोड़ों की छात्रवृत्ति आवंटित हुई है।
इधर, एसआइटी इस बात से हैरान है कि जिस अफसर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे, उसके लोकसभा चुनाव के दौरान विभाग ने 40 दिन की छुट्टी दे दी। इससे विभाग के अफसरों पर भी एसआइटी की सुई घूम गई है। एसआइटी ने आरोपित की छुट्टी को जांच के दायरे में लेते हुए छुट्टी स्वीकृत करने वाले अफसरों की भूमिका की भी गोपनीय जांच शुरू कर दी है।
एसआइटी ने हरिद्वार में घोटाले के आरोपों से घिरे दो सहायक समाज कल्याण अधिकारी और एक सेवानिवृत सहायक समाज कल्याण अधिकारी की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। एसआइटी इन तीनों के शंखधर से रही नजदीकी की जांच कर रही है। इसी आधार पर सेवानिवृत सहायक समाज कल्याण अधिकारी मुनीष त्यागी, सहायक समाज कल्याण अधिकारी विनोद नैथानी और सहायक समाज कल्याण अधिकारी सोमप्रकाश को भी नोटिस जारी किया था।