देश की सीमाओं की रक्षा का संकल्प ले सेना में शामिल हुए 329 जवान

ये जिंदगी है कौम की तू कौम पे लुटाए जा……
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
रानीखेत, (अल्मोड़ा) : भारतीय सेना को 329 नए जांबाज और मिल गए। कुमाऊं रेजिमेंट मुख्यालय (केआरसी) के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान के बहादुरगढ़ से अंतिम पग भर ये नव सैनिक भारतीय सेना का अंग बने।धर्मगुरु ने गीता को साक्षी मान युवा सैनिकों को देश की आन, बान व शान की रक्षा को सदैव तत्पर रहने की कसम दिलाई। मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल (एवीएसएम, एसएम, एडीसी) अमरीक सिंह ने जांबाजों को देश के दुश्मनों के खात्मे को तत्पर रहने का आह्वान करते हुए जोश भरा। उन्होंने कहा कि युवा सैनिक कुमाऊं रेजिमेंट के गौरव एवं विशिष्ट सैन्य परंपरा को संजोए रखें।
‘कदम-कदम बढ़ाए जा खुशी के गीत गाए जा, ये जिंदगी है कौम की तू कौम पे लुटाए जा’ रेजीमेंट का बैंड फिजा में देशभक्ति की स्वर लहरियां घोल रहा था। उत्साह और जोश से भरे जवानों ने शानदार मार्चपास्ट से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मौका था शनिवार को कुमाऊं रेजीमेंट के शपथ ग्रहण समारोह का। इस मौके पर अंतिम पग पार करते ही भारतीय सेना को 331 नए जांबाज जवान मिल गए। मुख्य अतिथि ले. जनरल अमरीक सिंह ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। उन्होंने नव प्रशिक्षित जवानों से देश की सीमाओं की रक्षा के लिए बलिदान देने को तत्पर रहने का आह्वान किया।
शनिवार को कुमाऊं रेजीमेंटल केंद्र रानीखेत का सोमनाथ मैदान एक बार फिर ऐतहासिक पलों का गवाह बना। कुमाऊं रेजीमेंट की भव्य कसम परेड में नव प्रशिक्षित जवानों की विभिन्न टुकड़ियों ने शानदार मार्चपास्ट कर मुख्य अतिथि को सलामी दी। सेना के धर्मगुरु नायब सूबेदार ज्ञानेंद्र पांडेय ने राष्ट्र ध्वज व धर्मग्रंथों को साक्षी रख जवानों को देश सेवा की शपथ दिलाई। जवानों ने देश की आन, बान और शान की रक्षा का संकल्प लिया। इस मौके पर उत्साह व आत्मविश्वास से लबरेज जवानों ने शानदार मार्चपास्ट से अतिथियों व दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। एक साथ उठ रहे कदम जवानों के आत्मविश्वास, जोश व अनुशासन का एहसाह करा रहे थे।
मुख्य अतिथि ले. जनरल अमरीक सिंह ने परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जवानों ने सेना में शामिल होकर अपने जीवन का सर्वोच्च निर्णय लिया है। कुमाऊं, नागा रेजीमेंट के शौर्य और पराक्रम की गाथा पर प्रकाश डालते हुए ले. जनरल ने जवानों से जरूरत पड़ने पर देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान के लिए भी तत्पर रहने का आह्वान किया। इस मौके पर अंतिम पग भरते ही 331 जांबाज जवान भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गए। कार्यक्रम में केआरसी के कमांडेंट ब्रिगेडियर जीएस राठौर, डिप्टी कमाडेंट कर्नल निखिल श्रीवास्तव, टीबीसी कर्नल नीरज सूद (शौर्य चक्र), जीएसओ-1 प्रशिक्षण ले. कर्नल नक्षत्र भंडारी सहित सैन्य अधिकारी व जेसीओ मौजूद रहे।