जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर प्रखंड में ग्राम पंचुर निवासी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने गांव पहुंचे। उन्होंने अपने उन शिक्षकों को सम्मानित किया जिन्होंने उन्हें राजनीति जैसे अग्निपथ पर चलने से पहले शिक्षा दी थी।
प्राथमिक विद्यालय में उन्हें प्रवेश और शिक्षा देने वाले शिक्षक राजेंद्र सिंह रावत का कहना है कि अजय सिंह बिष्ट यानि योगी आदित्यनाथ उनके सबसे होनहार विद्यार्थी थे। उन्हें इस बात का आश्चर्य है कि पढ़ाई में लग्नशील छात्र एक दिन उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बन जाएगा।
राजेंद्र सिंह रावत ने अपने अनुभव सांझा किए
मंगलवार को सम्मानित होने वाले शिक्षकों में से एक शिक्षक राजेंद्र सिंह रावत ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि अजय सिंह बिष्ट को उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश दिलाने के लिए आए थे। उन्होंने ही अजय को विद्यालय में प्रवेश की सारी प्रक्रिया पूर्ण कराई थी। शिक्षक राजेंद्र रावत बताते हैं कि कक्षा में करीब 70 विद्यार्थी थे, जिनमें अजय यानी योगी आदित्यनाथ सर्वोत्तम विद्यार्थी थे वह बहुत होशियार थे, उनकी राइटिंग भी बहुत अच्छी थी। किसी बात को एक बार समझा दो तो वह समझ जाते थे।
उन्होंने बताया कि अजय की पढ़ाई के प्रति लगन को देखते हुए उन्हें कभी नहीं लगा कि वह राजनीति में इतने ऊपर तक जाएंगे। उनके मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें इस बात को लेकर आश्चर्य हुआ कि एक होनहार विद्यार्थी ब्रह्चारी बन गया, और इसी पथ पर चलते हुए मुख्यमंत्री की बन गया। शिक्षक रावत ने बताया कि योगी आदित्यनाथ के भाई की शादी में उनकी योगी से मुलाकात हुई थी।
योगी आदित्यनाथ की सादगी के बहुत अधिक कायल
उन्होंने अपने विद्यार्थी को अजय के नाम से पुकारा तो उन्होंने जवाब भी दिया और मेरा हाल चाल जाना। इसी दौरान पता चला कि योगी सांसद बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि योगी के अतिरिक्त उनकी बड़ी बहन पुष्पा, शशि, कौशल्या को भी उन्होंने ही पढ़ाया है। योगी आदित्यनाथ की सादगी के उनके गुरु बहुत अधिक कायल हैं।
उन्होंने बताया कि वह जब भी लखनऊ फोन करते हैं तो उनके सचिव सीधे उनकी बात योगी जी से करा देते हैं। पहली बार जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने उन्हें लखनऊ बुलाया था और वह उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल भी हुए थे। योगी आदित्यनाथ के फिर से अपने गांव आने पर सिर्फ उनके गुरु राजेंद्र सिंह रावत ही नहीं बल्कि पूरा गांव हर्षित है।