Kriti Sharma

  • LITERATURE

    आँखों में देखकर बात करने वालों के क्या सपने कुचले जाएँगे…….

    मर्दानगी …….. हम तो मर्दानगी दिखाएँगे, आवाज़ उठाने वाले, अब कुचले जाएँगें । सपना उसने कैसे देखा, हम शीशे के साथ, सपनों पर भी मूसल चलायेंगे। मर्द हैं हम, मर्दानगी दिखायेंगे। औरत है, क्या औक़ात? आँख दिखाती, और प्रश्न बेबाक़? राजा हैं हम, इस मिट्टी के, उसका घमण्ड हम तोड़ दिखायेंगे। मर्द हैं हम, मर्दानगी दिखायेंगे। तुझे पते कि बात बताऊँ? राजा से ना,…

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