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दो इंजीनियरों के निलंबन पर भड़के पेयजल अभियंता

  • पेयजल सप्लाई ठप करने की दी चेतावनी
  • इंजीनियरों का पक्ष जाने बिना निलंबन नियम विरुद्ध

देहरादून :  पेयजल मंत्री प्रकाश पंत द्वारा लापरवाही के आरोप में निलंबित किये गए अल्मोड़ा विद्युत यांत्रिक शाखा के अधिशाषी अभियंता और सहायक अभियंता के निलंबन के बाद अभियंताओं में रोष बढ़ गया है निलंबन को लेकर जल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निलंबन रद्द न होने पर शुक्रवार सायं से जहाँ कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। वहीँ आंवलाघाट पेयजल योजना को भी बंद करने की चेतावनी दी है। इसके बादअधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति पूरे प्रदेश में जल निगम के अधीन योजनाओं को भी बंद कर देगी।

संघर्ष समिति से जुड़े इंजीनियरों ने बीते दिन मुख्यालय पर जमकर विरोध दर्ज कराया। मुख्यालय पर प्रबंधन व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। पदाधिकारियों ने कहा कि जिस योजना के संचालन में गड़बड़ी पर इंजीनियरों को निलंबित किया गया है। वो अभी भी निर्माणाधीन है। टेस्टिंग का काम चल रहा है। टेस्टिंग के काम के दौरान लाइनों को साफ किया जाता है। इसके चलते कुछ समय गंदे पानी की सप्लाई भी होती है।

वहीँ इस दौरान प्रेशर जांचने के दौरान पाइप भी क्षतिग्रस्त होते हैं। डीएम ने सामान्य निरीक्षण के दौरान इन सामान्य खामियों को पाते हुए सीधे निलंबन की संस्तुति कर दी। जबकि पहले तकनीकी लोगों से जांच कराई जानी चाहिए थी। जिस योजना को कर्मचारियों ने रात दिन की मेहनत से रिकॉर्ड समय पर तैयार किया। उसमें अवार्ड देने की बजाय कार्रवाई कर कर्मचारियों का मनोबल तोड़ा गया है। ऐसे में यदि समय रहते इंजीनियरों का निलंबन वापस न लिया गया, तो प्रदेश भर में हड़ताल का फैसला लेने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा।

समिति ने (आज) शुक्रवार से कार्य बहिष्कार का ऐलान किया। शाम से आंवलाघाट व शनिवार से पूरे प्रदेश की पेयजल सप्लाई ठप किए जाने की चेतावनी दी। इंजीनियरों ने एमडी भजन सिंह को आंदोलन का नोटिस भी दिया। ठोस आश्वासन न मिलने पर वार्ता का बहिष्कार किया गया। विरोध जताने वालों में अध्यक्ष एससी पंत, पीके राय, सौरभ शर्मा, रामकुमार, एके चतुर्वेदी, अरविंद सजवाण, एसपीएस देवरा, संजय सिंह, जितेंद्र सिंह देव, एसके विकास, सीताराम, सुभाष चंद्रा, नवीन बिष्ट, मातवर बिष्ट, राजीव सिंह, राजवीर सिंह, पीसी कोठियाल, सुनील फर्स्वाण, मोहित जैन आदि मौजूद रहे।

अध्यक्ष जल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के एससी पंत का कहना है कि प्रबंधन ने एकतरफा नियमविरुद्ध कार्रवाई की है। जब योजना पूरी ही नहीं हुई, तो उसका उद्घाटन कैसे किया गया। जबकि योजना अभी भी टेस्टिंग में है। बिना इंजीनियरों का पक्ष जाने सीधे निलंबन करना नियम विरुद्ध है।

devbhoomimedia

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