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केदारनाथ हेली सेवा मामले में टेंडर प्रक्रिया पर एक बार फिर घिरी सरकार !

  • कोर्ट ने किराये का हिसाब मांगा
  • श्रद्धालुओं को प्रतिस्पर्धात्मक किराये के लाभ पर अधिकारी  मौन 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : केदारनाथ में हैली सेवाओं को लेकर पिछली सरकारों की तरह वर्तमान सरकार भी फंस गयी है। राज्य के नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने जहाँ अपनी चहेती हैली कंपनियों को केदारनाथ धाम के लिए हेलीकाप्टर सेवाओं में शामिल करने के लिए दो-दो बार टेंडर प्रक्रिया की वहीँ इस प्रक्रिया में कहीं भी आम श्रद्धालुओं को कैसे प्रतिस्पर्धात्मक तौर पर कम से कम किराये का लाभ दिया जाय इस विषय पर सोचा ही नहीं गया वहीँ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कड़े प्रावधानों को भी अधिकारियों ने नज़रअंदाज़ किया है।  वहीँ अब तक की निविदाओं में तमाम अनियमितताओं के मामले को लेकर कुछ लोग नैनीताल उच्च न्यायालय की शरण में जा चुके हैं जिसमें आज कुछ निर्णय के आसार हैं। 

अस्थायी राजधानी देहरादून में चर्चाएं आम हैं कि उत्तराखंड के नागरिक उड्डयन विभाग के कुछ अधिकारियों ने पिछली सरकार के दौरान से एक चर्चित हैली कंपनी के मालिकानों और अधिकारियों से कोई मोटी ”डील” की हुई है यही कारण है कि सूबे के उड्डयन विभाग के अधिकारी येन-केन प्रकारेण इस चर्चित हैली कंपनी को ही टेंडर दिलाने के लिए आमादा हैं।  जबकि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान भी इस तरह की कोशिशें इसके द्वारा हुई थी लेकिन तमाम विरोध और नैनीताल उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद उनकी यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी।  अब इस बार त्रिवेंद्र सरकार की सत्तारूढ़ हो जाने के बाद उड्डयन विभाग के अधिकारियों ने एक बार फिर इस चर्चित हैली कम्पनी को श्रद्धालुओं की सुरक्षा को दरकिनार करते हुए केदारघाटी में हेलीकाप्टर उड़ाने की योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया लेकिन इस बार भी मामला उच्च न्यायालय चले जाने के कारण ये अपने मंसूबों में कामयाब होते नज़र नहीं आ रहे  हैं।  

गौरतलब हो कि केदारनाथ घाटी में हेली सेवा का मामला पिछली सरकार के बाद इस सरकार के कार्यकाल के दौरान एक बार फिर नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गया है। उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं साथ ही पिछली यात्रा के दौरान उड़ान के किराये पर भी जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा है कि इस बार टेंडर अबतक क्यों नहीं खोला गया है ?

उल्लेखनीय है कि नैनीताल हाई कोर्ट में देहरादून निवासी राजीव धर ने याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने केदारघाटी में हेली सेवा के लिए नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया का नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसको खारिज किया जाए और केदारघाटी में सभी 14 हेलीपैडों से हवाई यात्रा शुरू की जाए।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से टेंडर प्रकिया में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने 18 अप्रैल को दोबारा निविदा जारी की, जिसमें 19 संशोधन किये गए हैं। इसमें पहाड़ी क्षेत्रों में हेली सेवा के संचालन के अनुभव में 6 बार संशोधन किया गया है। साथ ही कई हेली ऑपरेटर कंपनियों को निविदा से बाहर करने के लिए ये भी शर्त रख दी कि कंपनी का हेलीकॉप्टर हिल्स या उत्तराखंड में दो साल तक दुर्घटनाग्रस्त नहीं होना चाहिए, जबकि यह शर्त पूरे देश के लिए होनी चाहिए।

आज मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की एकलपीठ ने राज्य सरकार से मामले में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पिछली यात्रा के दौरान का हवाई किराया भी पेश करने को कहा है, अब मामले में कल 24 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।

devbhoomimedia

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