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सूबेदार अंकुर रावत ने दूसरी बार माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा, हरिद्वार से रचा नया कीर्तिमान

जय हिंद। जय भारत।

सूबेदार अंकुर रावत ने दूसरी बार माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा, हरिद्वार से रचा नया कीर्तिमान

भारतीय सेना के जांबाज़ वीर और पर्वतारोहण के क्षेत्र में कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके सूबेदार अंकुर रावत ने एक बार फिर देश का गौरव ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। उन्होंने 18 मई 2025 को सुबह 03:05 बजे विश्व की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) पर भारतीय तिरंगा फहराकर इतिहास रच दिया।

सूबेदार रावत, निवासी विनीत नगर, पनियाल रोड, रुड़की और मूल निवासी ग्राम पीपला, सुरलगाँव, पट्टी असवालस्यूँ, जनपद पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड), ने यह उपलब्धि कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में एनसीसी के 05 बालक व 05 बालिका कैडेट्स और 06 अन्य सैनिकों के साथ मिलकर हासिल की। यह उन्हें हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल ज़िलों का ऐसा पहला व्यक्ति बनाता है जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर दो बार तिरंगा फहराने के साथ-साथ माउंट मकालू (8485 मीटर) जैसी विश्व की कठिनतम चोटियों में भी भारत का गौरव बढ़ाया है।

पूर्व उपलब्धियाँ

सूबेदार रावत 2016 में पहली बार एवरेस्ट पर पहुँचे थे, और 2019 में माउंट मकालू, जो विश्व की पाँचवीं सबसे ऊँची चोटी है, पर विजय प्राप्त की थी। इसके अलावा, वह देश और विदेश की कुल 27 पर्वत चोटियों पर भी तिरंगा फहरा चुके हैं, जो उनकी अद्वितीय साहसिक यात्रा को दर्शाता है।

एनसीसी एवरेस्ट अभियान 2025:

वर्ष 2024 में भारतीय सेना की साहसिक गतिविधि शाखा (Army Adventure Wing), दिल्ली ने सूबेदार अंकुर रावत को एनसीसी एवरेस्ट अभियान के लिए कोर टीम मे नियुक्त किया। उन्होंने अगस्त-सितंबर 2024 में माउंट अबी गामिन पर चढ़ाई करते हुए 34 चयनित कैडेट्स को प्रशिक्षण दिया और फिर सर्दियों में सियाचिन ग्लेशियर की कठिन जलवायु में 17 कैडेट्स को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया।

अभियान की यात्रा:
• 3 अप्रैल 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा एनसीसी टीम को दिल्ली से औपचारिक रूप से फ्लैग ऑफ किया गया।

• टीम इसके बाद काठमांडू रवाना हुई और 10 अप्रैल को पैदल यात्रा शुरू कर 18 अप्रैल को एवरेस्ट बेस कैंप पहुँची।
• 23 अप्रैल को टीम ने नेपाल की माउंट लोबुचे (6119 मीटर) चोटी पर चढ़ाई कर वहां भी तिरंगा फहराया।
• 25 अप्रैल से 5 मई तक, टीम ने एवरेस्ट के कैंप 3 तक एक्लिमेटाइज़ेशन रोटेशन पूरा किया।
• 15 मई को बेस कैंप से समिट के लिए प्रस्थान किया गया:

• 15 मई – कैंप 2
• 16 मई – कैंप 3
• 17 मई – कैंप 4
• 18 मई – एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराया गया।

राष्ट्रीय गौरव

सूबेदार अंकुर रावत की यह उपलब्धि न केवल उत्तराखंड के लिए, बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उनके नेतृत्व में एनसीसी कैडेट्स ने साहस, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की मिसाल कायम की है।

जय हिंद!
जय उत्तराखंड!

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