Uttarakhand

देश के टॉप-10 में शामिल हुये “सिपेट-देहरादून” के स्टूडेंट्स, उत्तराखंड और डोईवाला का नाम रोशन

Students of “CIPET-Dehradun” included in the top-10 of the country, Uttarakhand and Doiwala’s name illuminated

देहरादून के डोईवाला स्थित सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के 14 स्टूडेंट्स ने अखिल भारतीय स्तर पर शीर्ष-10 में अपना स्थान प्राप्त किया है.

सिपेट संस्थान के संयुक्त निदेशक अभिषेक राजवंश ने छात्रों की इस कामयाबी पर इसे संस्थान के लिये गौरवमयी उपलब्धि बताया है.

बड़ी ख़बर: उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों का देश-विदेश के नामी विश्वविद्यालयों से होगा टीचिंग शेयरिंग अनुबंध

देहरादून : एक बार फिर सिपेट अपनी ख़ास उपलब्धि की वजह से खबरों में जगह बना रहा है.

डोईवाला का सिपेट, केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, अल्प समय में बुलंदियों को छू रहा है, सिपेट डोईवाला के 14 छात्र-छात्राओं ने देशभर में टॉप-10 में जगह बनाकर उत्तराखंड और डोईवाला का नाम रोशन किया है.

इनमें से चार छात्र डिप्लोमा इन प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी (डी.पी.टी) और दस छात्र डिप्लोमा इन प्लास्टिक्स मोल्ड टेक्नोलॉजी (डी.पी.एम.टी) के हैं.

सिपेट संस्थान के संयुक्त निदेशक अभिषेक राजवंश ने बताया कि छात्रों के द्वारा प्राप्त की गयी सफलता अन्य स्टूडेंट्स के लिये एक कैटेलिस्ट (उत्प्रेरक) की भांति कार्य करेगी और अन्य छात्र भी इनसे प्रेरणा लेकर शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट में अपना उत्कृष्ठ प्रदर्शन करेंगें।

श्री राजवंश ने बताया कि डिप्लोमा इन प्लास्टिक्स मोल्ड टेक्नोलॉजी (डी.पी.एम.टी) में कविता नाथ और अनुराग मेहता ने देश में पहला स्थान, अनिरुद्ध कुमार और श्रवण कुमार ने दूसरा, आर्यन कुमार ने तीसरा, रचित पोरस ने चौथा, अक्षय शर्मा ने पांचवा, अंकुश मेहता ने सातवां, भास्कर भारती ने आठवां और वैभव सिंह ने नौवां स्थान प्राप्त किया है।

वहीं डिप्लोमा इन प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी (डी.पी.टी) में पूरे देश में अनुराग कुमार ने तीसरा, धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने चार, रिया भंडारी आठवें और जिया नेगी ने नौवां स्थान हासिल किया।

देश के टॉप – 10 छात्रों में इस संस्थान के 14 छात्र-छात्राओं ने स्थान बनाकर सराहनीय प्रदर्शन किया है।

संस्थान के प्रशिक्षण प्रभारी ने बताया कि सिपेट संस्थान विद्यार्थियों को उद्योग परक पाठ्यक्रम कैरियर को आगे बढ़ाने में मदद करता है और 3 वर्ष बाद रोजगार भी मुहैया कराने में मदद करता है |

उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय छात्र-छात्राओं के साथ उनके अध्यापकों और संस्थान के प्रबंधन को दिया है।

Related Articles

Back to top button
Translate »