भारतीय गणतंत्र ने सिद्ध कर दिया कि तमाम बाधाओं के बावजूद गणतंत्र ही भारत के लिए सबसे माकूल शासन व्यवस्था है।तंत्र ने हमारे लिए क्या किया इस भाव को त्यागकर हमें यह सोचना होगा कि हमने तंत्र (देश)के लिए क्या किया? हमारी इस प्रकार की सोच से ही हमारा गणतंत्र मजबूत होगा।
कमल किशोर की कलम से :-
अपनी तमाम विषमताओं और अनगिन विविधताओं के बावजूद भारतीय गणतंत्र विश्व में न केवल प्रशंसनीय,बल्कि अनुकरणीय भी है। भारतीय गणतंत्र की जब नींव पड़ रही थी,तब बहुत से लोगों ने इस आशंका का इजहार किया था कि भारतीय आपसी झगड़ों की वजह से एकजुट नहीं रह पाएंगे,लेकिन धीरे-धीरे भारतीय गणतंत्र ने यह सिद्ध कर दिया कि तमाम बाधाओं के बावजूद गणतंत्र ही भारत के लिए सबसे अच्छी शासन व्यवस्था है।
15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद भारत को एकजुट रखने में गणतंत्र की भूमिका अतुलनीय और अनुकरणीय है।
तमाम मत-पंथ,संप्रदायों,जातियों,जनजातियों के बीच गणतंत्र की रोशनी देश के तमाम अंधेरे कोनों तक पहुंच चुकी है।
आज लोगों में यह विश्वास जगने लगा है,कि वे सरकार बना भी सकते हैं और गिरा सकते हैं।आज जब हम अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं,तो प्रत्येक भारतीय को गौरव का एहसास होना स्वाभाविक है।
आज लोगों में यह विश्वास जगने लगा है,कि वे सरकार बना भी सकते हैं और गिरा सकते हैं।आज जब हम अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं,तो प्रत्येक भारतीय को गौरव का एहसास होना स्वाभाविक है।