राज्य सरकार न्याय पंचायतो को ग्रोथ सेन्टर के रूप में विकसित करेगीः सीएम

-‘आजादी के बाद महिलाओं की दशा एवं दिशा’ विषय पर द्वि-दिवसीय सेमिनार आयोजित
देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिथौरागढ़, चंपावत और हरिद्वार में लिंगानुपात काफी चिंताजनक है। मैं लगातार इसकी समीक्षा कर रहा हूं। पिथौरागढ़ और चंपावत में पिछले आठ महीनों में स्थिति में सुधार आया है। लिंगानुपात के अंतर को सरकार ने चुनौती के रूप में लिया है। इस अंतर को खत्म करने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने कहा राज्य सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने हेतु शीघ्र ही विशेष योजना पर कार्य करेगी। सरकार द्वारा महिलाओं की स्थिति मजबूत करने हेतु कौशल विकास, उत्पादन शक्ति में महिलाओं के योगदान, उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के प्रयासों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित ‘‘आजादी के बाद महिलाओं की दशा एवं दिशा’’ विषय पर द्वि-दिवसीय सेमिनार के समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए महिलाओं को सम्बोधित कर रहे थे ।
इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने देश-दुनिया में उत्तराखंड का नाम रोशन करने वाली पांच महिलाओं को राज्य महिला आयोग की ओर से सम्मानित किया। बुधवार से शुरू हुए दो दिवसीय सेमीनार के दूसरे गुरुवार को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। सीएम ने महिला हस्तियों के कार्योें की सराहना की। साथ ही महिला उत्थान के क्षेत्र में सरकार के कामों की जानकारी दी।
राज्य सरकार न्याय पंचायतो को ग्रोथ सेन्टर के रूप में विकसित करेगी। 15 न्याय पंचायत सेन्टरों में महिलाओं को सिलाई हेतु कटिंग के हुए परिधान सिर्फ सिलाई हेतु उपलब्ध करवाया जायेगा। राज्य में दो महिला बैंक आरम्भ किये गये है। अन्य जिलों में भी यह बैंक आरम्भ किये जायेगे। एलईडी बल्ब वितरण भी महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा करवाये जा रहे है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि तीन तलाक के मुद्ये पर समस्त महिला समाज को एकत्र होना चाहिए। तीन तलाक के कानून से भारी परिर्वतन समाज में देखने को मिलेगा। यह किसी वर्ग, जाति, धर्म या समुदाय विशेष से जुड़ा विषय नही है बल्कि यह समस्त समाज को प्रभावित करेगा। इस कानून से देश की 18 प्रतिशत मुस्लिम महिला आबादी को देश की प्रगति में योगदान करने का अधिकार भी मिलेगा। आने वाले समय में यह कानून पूरे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा तथा देश को मजबूती मिलेगी। इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट जाने वाले महिला भी उत्तराखण्ड से थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 10 महीने पहले 06 वर्ष तक के बच्चों में लिंगानुपात पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिलों में चिन्तनीय रूप से कम था। इस सम्बन्ध में पुनः सर्वे करवाया गया तथा तथ्यों की पुष्टि की गई। सम्बन्धित जिलाधिकारियों को इस पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिये गये। आज पिथौरागढ़ व चम्पावत जिलों के लिंगानुपात के गैप में कमी देखने को मिली है। उन्होंने उत्तराखण्ड की सफल महिलाओं से इस अभियान से जुड़ने का आहवाहन किया। आज राज्य के 13 जिलों में से 3 जिलों में महिला जिलाधिकारी तथा चार जिलों में महिला पुलिस अधीक्षक तैनात है। इन जिलों में बहुत अच्छा कार्य हो रहा हैं। राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रयोग सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज देशभर में लगभग 31 लाख अनाथ बालक-बालिकाएं है। राज्य सरकार द्वारा अनाथ बच्चों को राजकीय सेवाओं में आरक्षण देने के विषय में शीघ्र ही गम्भीरता से विचार किया जायेगा।
सेमीनार के समापन अवसर पर गुरुवार को हंस फाउंडेशन की मंगला माता, जागर गायिका बसंती बिष्ट, लोक गायिका कल्पना चौहान, पर्वतारोही डॉ. हर्षवंती बिष्ट, अभिनेत्री उर्वशी रौतेला और मॉडल अनुकृति गुसाईं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अनुकृति गुसाईं, हर्षवंती बिष्ट और कल्पना चौहान खुद अवार्ड लेने पहुंची। जबकि माता मंगला, उर्वशी रौतेला और बसंती बिष्ट की ओर से उनके प्रतिनिधियों ने सम्मान हासिल किया। आयोग ने बताया कि इनका चयन विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के आधार पर किया गया है। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमति सरोजनी कैन्तुरा के साथ ही जम्मू कश्मीर, उड़ीसा, छतीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात महिला आयोग की अध्यक्ष उपस्थित थी।