भाजपा सामने तो आयें और बताये कि उन्होंने राज्य के लिये किया क्या ?
भाजपा पर किया पलटवार, कहा हम हर रोज जारी करेंगे नौ उपलब्धि
देहरादून । मुख्यमंत्री हरीश रावत के मुख्य प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने भाजपा नेताओं के सरकार की उपलब्धियों पर दिये गये बयान पर उनकी चुनौती को स्वीकर करते हुये आज सरकार की कई उपलब्धियों को जारी करते हुये उन्हें कहा कि वे अपनी केन्द्र सरकार की उपलब्धिं को लेकर सामने आयें कि उन्होंने राज्य के लिये क्या किया है, भाजपा नेताओं के तीन उपलब्धियों का लेने के जवाब में उन्होंने आज हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार की कई उपलब्धियों को एक साथ जारी करते हुये कहा कि हम रोज तीन की जगह नौ उपलब्धियां प्रतिदिन जारी करेंगें।
उल्टे उन्होंने भाजपा नेताओं को चुनौती देते हुये कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी पूर्व मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंच पर भी उनके साथ डिबेट के लिये आमंत्रित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रथम उपलब्धी प्रदेश कि प्रति व्यक्ति औसत आय जो राष्ट्रीय स्तर प्रति व्यक्ति आय से लगभग दुगुनी तेजी से बढ़ रही है व एक लाख चैहत्तर हजार के स्थान पर सात लाख पेंशन लाभार्थियों की संख्या हो गयी हैं दिख नहीं रहे हैं। लगता है भाजपा नेता दृष्टि भ्रम के शिकार हो गये हैं। उन्होने कहा कि 1340 सड़कों पर निर्माण कार्य चल रहा है। जबकि भाजपा शासन में 500 सडके ही थी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना का लाभ जनता उठा रही है, 60 प्रतिशत लोंगों को कार्डाे का वितरण हो गया है।
उन्होंने कहा महिलाओं द्वारा संचालित अभिनव योजना इन्दिरा अम्मा कैंटीन में सस्ते भोजन का लाभ भी जनता को लगातार प्राप्त हो रहा है। राज्य में 23 घंटे विद्युत की सप्लाई व सस्ती बिजली देने वाले देश के तीसरे राज्य व तेजी से विकसित होने वाला अग्रणीय राज्य बना है, ईज टू डुईंग बिजनेश में भी हम कापफी अगले पायदान में खड़े हैं। यह सब कुछ नीति आयोग व कई राष्ट्रीय ऐजेंसीयों की रिपोर्ट में उजागर हुआ है। ए.पी.एल. परिवारों को सस्ता गेंहू चावल देने वाले राज्यों में भी हम प्रथम राज्य माने जाते हैं, जबकि केन्द्र सरकार ने हमारा गेंहू का कोटा बन्द कर दिया है।
मेरा गांव मेरी सड़क 300 सडकों पर काम हुआ है। यह सडके तो भाजपा नेताओं के गांव में भी जा रही हैं, अगर यह सब भाजपा नेता देखने को तैयार नहीं है तो भगवान उन्हें फिर भी माफ करेगा। मुख्य प्रवक्ता ने आज कई उपलब्धियां जारी करते हुये बताया कि लोक कलाकारों हेतु रू0 5.00 करोड़ कारपस फंड की स्थापना, सांस्कृतिक दलों को रू0 2-2 लाख की धनराशि को आर्थिक सहायता दी जा रही है, उदयशंकर नृत्य अकादमी, अल्मोड़ा में गतिविधियों का शुभारम्भ, उत्तराखण्ड लोकभाषा, लोक बोली संवर्द्धन एवं संरक्षण संस्थान की स्थापना के लिए भी बजट में प्रस्ताव लाया गया है।
प्रदेश में गठित दुग्ध समितियों की महिला सदस्यों को 1 उच्च नस्ल की दुधारू गाय के क्रयार्थ रू0 20000/- बैंक ऋण तथा रू0 27000/- अनुदान उपलब्ध 2016-17 हेतु 2000 महिला सदस्यों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है, प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा के अन्तर्गत 500 आदर्श विद्यालय जिसमें 50 विद्यालय नगरीय क्षेत्र में तथा प्रत्येक विकासखण्ड में 5-5 आदर्श विद्यायल किये गये है, अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत पी.टी.ए. शिक्षकों का मानदेय रू0 7000/- से रू0 15000/- किया गया है, वर्ष 2013-14 में 559 प्रवक्ता एवं एल.टी. में 708 तदर्थ शिक्षा बन्धुओं का विनियमितिकरण किया गया, महिला स्वयं सहायता समूहों हेतु मंडूवे थ्रेसर व अन्य कृषि उपकरणों के क्रय के लिये 4 प्रतिशत ब्याजदर पर धनराशि उपलब्ध कराने के लिये सहकारिता विभाग को निर्देश दिये गये है, इसमें डांस कण्डाली को रेशा (छिलका सहित) का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 55/-, औद्योगिक भिमल का रेशा (साफ रेशा) का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 15/- एवं राम बांस (साफ रेशा) का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 60/- प्रति किलोग्राम की दर से निर्धारित किया गया है।
प्रथम चरण में गंगी और मुनस्यारी में अतिश, शलन पंजा, चिरायता, कुट व कुक्की जैसी जड़ी-बूटियों का प्लांट तैयार किया गया है, किसानों को सस्ते दामों पर कृषि उपकरण व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया गया है, उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसने कि किसान पेंशन शुरू की है, पहाड़ों में उत्पादित होने वाले चौलाई के लिये यूरोप में मार्केट भी तैयार की गयी है, सरकार गन्ना किसानों के प्रति संवेदनशील है गन्ना मूल्य घोषित करने के अतिरिक्त गन्ना कृषकों को प्रशिक्षण, बीज, उर्वरक इत्यादि उपलब्ध करा रही है, ग्रोथ सेंटर, सेलाकुई में केटेलिटिक डेवलपमेंट योजना व राष्ट्रीय कृषि विकास के तहत रेशम रीलिंग इकाई व अत्याधुनिक तकनीकी युक्त हाॅट एयर ड्रायर कालोकार्पण किया गया है, पूरे प्रदेश के सात हजार पांच सौ बत्तीस चिन्हित आन्दोलन कारियों के खाते में पेंशन की राशि पहुंचाई गयी है,