-भगवान वासुदेव की डोली 15वें पड़ाव में पहुंची लिस्वाल्टा
-फूल-अक्षतों से किया श्रद्धालुओं ने स्वागत
-नौ माह तक चलेगी भगवान वासुदेव की दिवारा यात्रा
रुद्रप्रयाग । जखोली क्षेत्र के 16 गांवों के ईष्ट देव भगवान वासुदेव की दिवारा यात्रा विभिन्न गावांे का भ्रमण करते हुए 15वें पड़ाव के लिए लिस्वाल्टा पहुंची, जहां सैकडों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने भगवान की डोली का भव्य स्वागत करते हुए अग्र्य लगाया व 56 भोगों से अपने आराध्य को प्रसन्न किया। डोली के गांव में पहुंचते ही बारिश की फुहारें गिरनी शुरु हो गयी। मान्यता है कि वासुदेव को वर्षा के देवता के रुप में भी पूजा जाता है।
22 वर्षों बाद भगवान वासुदेव दिवारा यात्रा पर निकले हैं, जो नौ माह की यात्रा पूरी करने के बाद फरवरी 2017 में अपने धाम पुजार गांव पहुंचेंगे। वर्षा के रुप में विख्यात वासुदेव को आज भी राज कोष से पेंशन के तौर पर भेंट के रुप में अंशदान मिलता है। मान्यता है कि जब गढ़वाल में सूखा पड़ गया था तो टिहरी रियासत के महाराज ने सभी क्षेत्रीय देवी-देवताओं को आमंत्रित किया था मगर कोई भी देव शक्ति सूखे को बारिश में नहीं बदल पाई। अंत में भगवान वासुदेव ने अपनी शक्ति से मूसलाधार बारिश शुरु कर दी, तभी से टिहरी राजा के राज कोष से अंशदान के रुप में पेंशन शुरु हुई थी। करीब नौ महीनों तक चलने वाली यह ऐतिहासिक धार्मिक यात्रा 22 वर्षेंा के बाद क्षेत्र में शुरु हुई है, जो कि क्षेत्र के दर्जनों गावों का भ्रमण करेगी। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने यात्रा को नन्दा देवी राजजात के तौर पर विकसित करने की मांग भी सरकार से की है।
दिवारा यात्रा समिति के अध्यक्ष कुलेन्द्र राणा, कार्यक्रम आयोजक विजय सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य महावीर पंवार ने कहा कि यात्रा के संचालन में ग्रामीणों को आर्थिक संकट से भी जूझना पडता है, अगर यात्रा में सरकार की सहभागिता रहती है तो क्षेत्र के अविकसित पर्यटन को भी नये आयाम मिलेंगे। भाजपा जिलाध्यक्ष डाॅ आनंद सिंह बोंहरा ने कहा कि आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित वासुदेव मंदिर अपने आप में शिल्प कला का एक अनूठा मंदिर है और यहां की धार्मिक परंपरा पौराणिक ऐतिहासिकता का परिचायक है, मगर प्रचार-प्रसार के अभाव में देश-विदेशों के श्रद्धालु यहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। अगर इस दिशा मे सकारात्मक किया जाय तोयह क्षेत्र भी नन्दा राजजात की तर्ज पर विकसित हो सकता है।
इस मौके पर ब्लाॅक प्रमुख श्रीमती राजकुमारी रावत, विजेन्द्र सिंह मेंगवाल, राजेन्द्र प्रसाद सेमवाल, चिरंजीव प्रसाद सेमवाल, टीकाराम भट्ट, केदार सिंह मेंगवाल, सूर्यमणि भट्ट, उम्मेद सिंह पंवार, रणवीर सिंह मेंगवाल, रमेश राणा, दिनेश प्रसाद उनियाल, सज्जन सिंह नेगी, दीवान सिंह धिरवाण, ईश्वर सिंह, राम सिंह पंवार, महावीर सिंह, सतीश भट्ट, दौलत राम भट्ट, राजेन्द्र प्रसाद, रघुवीर सिंह जी रावत, आनंद सिंह, जय दयाल बहुगुणा, सौकार सिंह, भरत सिंह धिरवाण, जगत सिंह धिरवाण, जगदीश सिंह पंवार, कपूर सिंह पंवार, कर्ण सिंह रावत, लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल, महादेव प्रसाद सेमवाल, धूम सिंह पंवार, शेर सिंह पंवार, सोहन सिंह पंवार, सज्जन सिंह मेंगवाल, बलवीर सिंह रावत, दर्शनी प्रसाद ममगाईं, देवेन्द्र प्रसाद बडोनी, रघुवीर सिंह राणा सहित र्कइं श्रद्धालु मौजूद थे। कार्यक्रम का सफल संचालन भगवान वासुदेव महायज्ञ वित्त समिति के अध्यक्ष मनवर सिंह रावत ने किया।