UTTARAKHAND

फर्जी प्रमाण पत्रों पर वर्षों नौकरी करने वाले सात शिक्षक हुए बर्ख़ास्त

तीन शिक्षकों को अंतिम सुनवाई का मिला मौका,लेकिन इनके खिलाफ भी हैं जांच में पुख्ता सबूत

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

बर्ख़ास्त किये गए ये सात शिक्षक

– हरगोविंद सिंह, राप्रावि. रामजीवनपुर, जसपुर फर्जी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट प्रमाण पत्र 
– माखन मंडल, राप्रावि. तिलियापुर, सितारगंज- फर्जी जाति प्रमाण पत्र
– हेमराज सिंह, राप्रावि. मिदनापुर गदरपुर- फर्जी बीटीसी प्रमाण पत्र 
– महेश चन्द्र राप्रावि. झुन्नी गदरपुर- फर्जी बीटीसी प्रमाण पत्र 
– वीर सिंह राप्रावि. अलखदेवी गदरपुर- फर्जी बीटीसी प्रमाण पत्र 
– मंसूर अहमद राप्रावि. नौगवा रुद्रपुर- फर्जी इंटरमीडिएट प्रमाण पत्र 
– काकुली मंडल, राप्रावि. बसन्तीपुर गदरपुर, फर्जी जाति प्रमाण पत्र 
उधमसिंह नगर : फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे शिक्षा विभाग में नौकरी पाने और वर्षों अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षकों पर फिर से गाज गिरी है। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने वाले सात शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है,जबकि तीन को अंतिम सुनवाई का मौका दिया गया। इनके खिलाफ भी जांच में पुख्ता सबूत हैं। ऐसे में इन पर भी बर्खास्तगी की कार्रवाई होना तय है। 
विभागीय जानकारी के मुताबिक, फर्जी बीटीसी प्रमाण पत्र, इंटरमीडिएट और हाईस्कूल के फर्जी प्रमाणपत्र और कुछ मामले में फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ जांच के बाद बर्खास्ती की कार्रवाई की गई है।
वहीं मामले में एसआईटी गठित कर जांच और कड़ी कर दी गई। दोहरी जांच के दायरे में जिले से 32 शिक्षक आए। इसमें से 19 शिक्षक पूर्व में बर्खास्त किए जा चुके हैं। जबकि जांच के बाद अब सात और शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसमें से एक शिक्षक को 30 जून को, चार शिक्षकों को 8 जुलाई और एक शिक्षक को 13 जुलाई और एक शिक्षक को 14 जुलाई को बर्खास्त किया गया है। 
ऊधमसिंह नगर के डीईओ  अशोक कुमार के अनुसार फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले सात शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। जून और जुलाई माह में यह कार्रवाई की गई है। अब तक इस फर्जीवाड़े में कुल 25 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। तीन मामलों में अंतिम सुनवाई का मौका दिया गया है। इन मामलों में भी फर्जीवाड़े के पूरे साक्ष्य मौजूद हैं। ऐसे में साक्ष्यपूर्ण और संतोषजनक जवाब न मिलने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई तय है।
फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाने का सबसे बड़ा खेल गदरपुर और सितारगंज ब्लॉक में खेला गया। एसआईटी और विभागीय जांच के दायरे में सबसे अधिक 10 शिक्षक गदरपुर ब्लॉक के आए हैं। वहीं सितारगंज ब्लॉक में 8 शिक्षकों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने के आरोप जांच में पुष्ट हुए।
इसके अलावा जसपुर के 2, बाजुपर के 7, खटीमा के 2, रुद्रपुर के 2 और काशीपुर के 1 मामले में आरोपों की पुष्टि हुई है। अब तक 25 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। जुलाई से पहले इनमें से 19 मामलों में कार्यवाही हो चुकी है। 
मिली जानकारी के अनुसार रा.प्रावि. मझरा शीला गदरपुर के शिक्षक बलवीर सिंह के मामले में 29 जुलाई को सुनवाई होनी है। इनके खिलाफ फर्जी बीटीसी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने के आरोपों की जांच में पुष्टि हो चुकी है। वहीं राप्रावि. बंडिया खटीमा के शिक्षक वृन्दावन के खिलाफ फर्जी बीटीसी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने के आरोप जांच में सही पाए गए हैं।
इनके मामले में भी 24 जुलाई को सुनवाई होनी है। इसके अलावा राप्रावि. चांदा खटीमा के शिक्षक राजकुमार के खिलाफ भी अंतिम सुनवाई 24 जुलाई को होनी है। इसके खिलाफ भी फर्जी बीटीसी के प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने की जांच पूरी हो चुकी है। आरोप जांच में सही पाए गए हैं। 
 

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