सोलर प्लांट के बैंक ऋण में बेरोज़गारों की गारंटी देगी सरकार
योजना के तहत भूमि के भू परिवर्तन के बाद मार्टगेज पर लगने वाले स्टांप शुल्क से भी मिलेगी छूट
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छी खबर यह है कि अब बेरोजगारों के हित में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए निर्णय लिया है कि यदि कोई युवा बैंक से ऋण लेकर सोलर प्लांट लगाता है तो उसकी गारंटी सरकार देगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया है। प्रदेश के 10 हजार युवाओं को मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत 25-25 किलोवाट तक सोलर ऊर्जा के जरिए बिजली उत्पादन के प्लांट आवंटित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत दस हजार सोलर संयंत्र लगाने की सरकार की योजना है। एक सोलर संयंत्र से पूरे साल में करीब 38 हजार यूनिट बिजली पैदा होगी। युवाओं को प्लांट लगाने के लिए राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंक से 8 फीसदी ब्याज पर ऋण की सुविधा मिलेगी। इसके लिए प्लांट लगाने वाले व्यक्ति को किसी तरह की गारंटी नहीं देनी पड़ेगी। उसकी गारंटी सरकार देगी। यही नहीं सरकार ने योजना के तहत भूमि के भू परिवर्तन के बाद मार्टगेज पर लगने वाले स्टांप शुल्क से भी छूट दी है।
इस योजना में 25 किलोवाट तक सोलर संयंत्र अधिकतम 2 नाली या 300 वर्ग मीटर भूमि पर लगाया जा सकता है। यह संयंत्र उन स्थानों पर लगाए जा सकेंगे जहां यूपीसीएल के 63 केवीए या इससे ज्यादा क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। पर्वतीय क्षेत्र में प्लांट से योजना 300 मीटर और मैदानी इलाकों में 100 मीटर की दूरी पर लगाए जा सकते हैं। 25 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने में करीब 10 लाख तक खर्चा आ सकता है। अभ्यर्थियों को प्लांट लगाने के लिए उरेडा की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करना होगा। यह योजना राज्य के स्थानीय निवासियों के लिए है। 18 साल से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इसमें आवेदन कर सकता है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी सोलर संयंत्र के आवंटन का निर्णय करेगी।