Uttarakhand

#MeToo में फंसा विवादों में रहा भाजपा का वरिष्ठ नेता!

महिला कार्यकर्ता ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : देश की सियासत में तूफान मचाने वाले मी-टू कम्पैन में भाजपा के केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर सहित दर्जनों लोगों के फंसने के बाद इसकी आंच में अब उत्तराखंड भाजपा का एक रंगीन मिजाज़ बड़ा नेता भी फंस गया है। आरएसएस-भाजपा से जुड़ी एक महिला कार्यकर्ता ने भाजपा संगठन के इस वरिष्ठ पदाधिकारी पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। पीड़िता का कहना है कि आरोपी वरिष्ठ पदाधिकारी से वे तब संपर्क में आई जब उन्हें  पार्टी को आजीवन सहयोग निधि अभियान के दौरान प्राप्त हुए चेकों की एंट्री करने के लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय में रखा गया था।

महिला द्वारा जिस भाजपा नेता पर आरोप लगाये गए हैं वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रचारक रहे हैं और वर्तमान में उत्तराखंड भाजपा संगठन में अहम दायित्व निभा रहे हैं। पीड़िता का कहना है कि एक साजिश के तहत मुझे एक भाजपा कार्यकर्ता के घर बुलाकर मेरा मोबाइल फ़ोन छीन लिया गया।जिसमें भाजपा के इस नेता के खिलाफ कई साक्ष्य थे। जबकि फोन के छीन लिए जाने से पहले उसने फ़ोन का बैकअप ले रखा था जिसने काफी सारे साक्ष्य अभी भी मेरे पास मौजूद हैं।

इतना ही नहीं पीड़िता का कहना है कि उन्होंने सारे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए धारा चौकी में पुलिस को तहरीर दी, लेकिन वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने भाजपा नेताओं के दबाव में आकर केवल मोबाइल की गुमशुदगी दर्ज करके उसे खोजने में कोई मदद नहीं की। बावजूद इसके उसने पार्टी के कई जिम्मेदार पदाधिकारियों से कई बार  शिकायत की लेकिन  पार्टी के नेताओं ने आरोपी के बड़े पद पर होने के चलते कोई कार्रवाई नहीं की।

 वैसे तो यौन उत्पीड़न में पीड़ित महिला का आरोप ही काफी है, मगर पीड़िता ने आरोपों के संबंध में कई ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत किये हैं जो सुप्रीम कोर्ट की विशाखा गाइडलाइन के मुताबिक किसी को यौन उत्पीड़न का आरोपी साबित करने के लिए काफी हैं।
महिला का आरोप है कि भाजपा प्रदेश कार्यालय में कार्य करने के दौरान आरोपी पदाधिकारी ने उनसे फोन पर कई बार अश्लील बातें की जिसका उसने कई बार विरोध भी किया। वहीं पीड़िता का आरोप है कि पदाधिकारी ने उन्हें कुछ आपत्तिजनक चीजें भी भेजी और अश्लील हरकत भी की।

महिला का कहना है कि उसने इसकी शिकायत उन्होंने पार्टी के कई जिम्मेदार लोगों से की लेकिन ‘हर किसी ने यही कहा कि मैं इतने बड़े व्यक्ति पर झूठे आरोप लगा रही हूं और मुझसे आरोपों को लेकर कार्रवाही करने के बजाय पहले सबूत मांगे गए।

महिला ने कहा परिस्थितियों से मजबूर होकर मेरे द्वारा पदाधिकारी की आडियो-वीडियो कॉल रिकार्डिंग की। पार्टी में मैंने अलग-अलग स्तरों पर लोगों को दिखाई। दुख की बात है कि इन लोगों ने कोई कार्रवाई करने के बजाए, ये सारी बातें आरोपी पदाधिकारी को ही बता दी। इसके बाद आरोपी पदाधिकारी एक कॉफ़ी शॉप में मुझे मिला और उसने मामले की जानकारी पब्लिक डोमेन में जाने से पहले खुद आत्महत्या तक करने की बात कही, वहीं उसने मुझे कई बार नौकरी लगवाने का भी झांसा दिया ताकि मामला दबा रहे। 
 

कुल मिलाकर पीड़िता ने भाजपा के जिस वरिष्ठ पदाधिकारी पर आरोप लगाया है वह अपनी रंगीन मिजाजी को लेकर खासे चर्चाओं में रहे हैं। वहीं पीड़िता का कहना है कि इस पूरे मामले में उसने भाजपा महानगर के अध्यक्ष विनय गोयल से भी शिकायत की। कई बार मामले को लेकर उनके घर पर भी गयी , इतना ही नहीं बल्कि बीते दो दिन पूर्व उनकी भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम जाजू से भी उनकी मुलाकात विनय गोयल के घर पर हुई लेकिन उन्होंने भी उसे कोई साफ़ जवाब नहीं दिया। 

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