‘घोटाला’ पौड़ी नगर पालिका में और हुए वित्तीय अधिकार ”सीज”

पौड़ी (गढ़वाल ) : सूबे की सरकार ने पौड़ी नगर पालिका में ”घोटाला ” के पकड़ आते ही अध्यक्ष यशपाल बेनाम के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए हैं। उन पर पालिका के विभिन्न कार्यों में वित्तीय अनियमितता का आरोप हैं । वहीँ जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद उनके वित्तीय अधिकारों को तत्काल प्रभाव से ”सीज़ ” करते हुए इस सम्बन्ध में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
वहीँ अग्रिम आदेशों तक जिलाधिकारी पौड़ी को पालिका के वित्तीय अधिकार दिए गए हैं। सचिव (शहरी विकास) राधिका झा ने ये आदेश जारी किए हैं। नगर पालिका के सभासदों ने ही बेनाम के खिलाफ शिकायत की थी। उनके शिकायत पत्र पर जांच हुई। कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट की आख्या प्रदेश शासन को उपलब्ध कराई। शासन ने बेनाम को सात आरोपों के मामले में नोटिस भेजा। उनके जवाब के बाद जांच के तथ्यों को आधार बनाते हुए सात में से तीन आरोप साबित हुए हैं।
नगर पालिका अध्यक्ष पर पहला आरोप मनमानी करने का है कि उन्होंने पालिका के गेस्ट हाउस को तोड़कर उसकी सामग्री बेच दी। जांच में पाया गया अध्यक्ष ने ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को नहीं अपनाया। इसके लिए उन्होंने बोर्ड से अनुमति नहीं ली गई।
बेनाम पर दूसरा आरोप है कि उन्होंने 2014 में शरदोत्सव के लिए पालिका फंड से जो राशि जारी की, उसके लिए बोर्ड से अनुमति लेना आवश्यक नहीं समझा। इसके लिए उन्होंने सक्षम अधिकारी का अनुमोदन तक नहीं लिया। विधायक निधि की प्रत्याशा में उन्होंने 10 लाख रुपये की राशि जारी कर दी, जिसके लिए उन्हें वित्तीय अनियमितता बरतने का प्रथम दृष्टया दोषी माना गया।
बेनाम पर तीसरा और गंभीर आरोप पालिका निधि से ग्रीष्मोत्सव के आयोजन पर 15 लाख रुपये की अनियमितता का है। उन पर यह आरोप सिद्ध हुआ कि उन्होंने बगैर इजाजत 2013-14 में ग्रीष्मोत्सव के आयोजन को पालिका निधि से 15 लाख खर्च कर डाले। इसमें लक्की ड्रा आयोजन भी किया गया।
लेकिन जांच में इसका कोई अभिलेख नहीं मिला। पालिका फंड से आहरित राशि के लिए सक्षम या विहित अधिकारी से अनुमोदन नहीं लिया गया। 15 लाख रुपये का समायोजन किसी मद में नहीं दर्शाया गया। इसे शासन ने बेहद गंभीर वित्तीय अनियमितता माना है।