दोस्तों की गोली से मरा था चर्चित संजय हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा,
रानीखेत : अल्मोड़ा में बहुचर्चित संजय फर्त्याल हत्याकांड का खुलासा कर लिया गया है। वारदात को उसके दोस्तों ने ही अंजाम दिया था। संजय को गोली मारने के बाद हत्यारोपी युवकों ने शव को रानीखेत के समीपवर्ती जालली मासी रोड पर कमेटपानी जंगल के कलमठ (बरसाती पानी की निकासी को बना कॉजवे) में ठिकाने लगा दिया था। सनसनीखेज हत्याकांड में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
बीते वर्ष 13 जनवरी की रात से पिलखोली (रानीखेत) निवासी संजय फर्त्याल (28 वर्ष) संदिग्ध हालात में लापता हो गया था। कोई सुराग न लगा तो मृतक की मां गंगा देवी ने राजस्व चौकी में गुमशुदगी दर्ज करा अपहरण की आशंका जताई थी।
मगर राजस्व पुलिस ने मामला हल्के में लिया। बीती 26 मार्च को नगर के समीपवर्ती कमेटपानी के जंगल में कलमठ से सिर कटी लाश बरामद हुई। उसकी शिनाख्त संजय के रूप में की गई। तब राजस्व पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया।
इस बीच जांच कोतवाली पुलिस को सौंपे जाने की मांग भी उठी। तीन मई को पुलिस ने कमेटपानी के जंगल से ही कुछ दूर संजय का सिर बरामद हुआ। कंकाल को डीएनए टेस्ट के लिए सुरक्षित रख लिया गया। तफ्तीश तेज हुई।
साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने पिलखोली क्षेत्र में दबिश देकर सूरज चिलवाल, जगदीश फर्त्याल व भानू पंत निवासी पिलखोली को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसआई हरीश प्रसाद के अनुसार बीती तेरह जनवरी की रात संजय को सूरज चिलवाल ने अपने घर पर रात्रि जागरण के लिए बुलाया था। खाना पीना चला।
इसी दौरान संजय की सूरज से कहासुनी हो गई। पुलिस के अनुसार झगडा बढने पर संजय को गोली मार दी गई। बाद में चारों युवकों ने शव को कार से कमेटपानी के जंगल ले गए और कलमठ में ठिकाने लगा दिया। यह भी खुलासा हुआ है कि संजय दबाव में नहीं रहता था।
जबकि सूरज उससे अपनी दुकान में काम करने की जिद करता था। इधर संजय ने खुद की दुकान खोल ली थी। यह भी विवाद का कारण रहा। वारदात में शामिल चौथा साथी मोहित फरार बताया जा रहा है। हत्थे चढे तीनों हत्यारोपियों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।