HARIDWAR

Reactin : सनातन परम्पराओं के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा : श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि

  • महाकाल मंदिर के शिवलिंग पर आरओ का जल चढ़ाए जाने पर दी प्रतिक्रिया

हरिद्वार । तपोनिधि श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज ने उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में स्थापित शिविंलंग पर चढ़ाये जाने वाले जल की मात्रा तय करने एवं आरओ के जल को सीमित मात्रा में चढ़ाने की अपील को लेकर चिन्ता जताते हुए कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति आदि अनादिकाल से चली आ रही है।

उन्होंने कहा सभी मठ मंदिरों में पूजा पाठ विधि विधान के साथ कार्य किया जाता हैं पर हमारी धार्मिक परम्पराओं पर अगर कोई बदलावा होता है तो वह हमारी धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करता है। श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम कानून का बहुत मान सम्मान करते हैं पर सुप्रीम कोर्ट धर्म के प्रति कई फैसले ऐसे ले लेती है जिनसे आमजनमानस परेशान हो जाता है।

उन्होंने कहा कि अभी हाल में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला महाकाल मंदिर के लिये लिया है उन्होंने कहा कि महाकाल में मंदिर में सीमित मात्रा में पूजा सामग्री व जल चढ़ाया जायेगा। यह हमारी भारतीय परम्पराओं के अनुरूप नहीं है। क्योंकि हमारे हिन्दू धर्म में आदि अनादिकाल से भारतीय सनातन परम्पराओं का निर्वाह मठ मंदिरों में हमारे संत महापुरूषों द्वारा पूजा पाठ विधि विधान के साथ की जाती है और अगर हमारी आस्थाओं के साथ ही खिलवाड़ किया जायेगा तो यह सनातन परम्पराओं के विरुद्ध माना जायेगा।

उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार संतों की सरकार कही जाती है पर इस सरकार के राज में ही हमारी धार्मिक परम्पराओं को नष्ट करने का कुचक्र विदेशी शक्तियां रच रही है और हमारी सरकारें भी यह तमाशा खुली आंखों से देख रही है। कोई भी फैसला सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट धर्म के नाम पर लेती है तो वह कोई भी विचार विमर्श अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भारत की सर्वोत्तम संस्था कहे जाने वाली उससे कोई विचार विमर्श नहीं किया जाता और ना ही हमारे धर्माचार्यो से किसी भी बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट कोई विचार करती हैं।

श्री पंचायती महानिर्वाणी के सचिव महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर में शिवलिंग पर आरओ के जल को चढ़ाने का फरमान तो जारी कर दिया लेकिन इस फैसले से श्रद्धालु भक्तों पर प्रतिकूल असर पड़ने की पूरी संभावनायें है क्योंकि पौराणिक मंदिरों में इस व्यवस्था से जल चढ़ाना श्रद्धालु भक्तों के लिए अनेकों दिक्कतें पेश करेगा।

इस अवसर पर महंत गोविन्द पुरी, महंत अम्बिका पुरी, महंत डोगर गिरि, महंत राकेश गिरि, महंत दिनेश गिरि, महंत मनीष भारती, महंत राजेश्वर वन, स्वामी आशुतोष पुरी, महंत रामरतन गिरि, महंत राधे गिरि, महंत केशवर पुरी, महंत रघुवीर दास, मुखिया महंत जगजीत सिंह, महंत साधनानंद, स्वामी चिद्विलासानंद, महंत जगदीशानंद गिरि सहित उपस्थित रहे। 

devbhoomimedia

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