UTTARAKHAND
खण्डहरों के बीच रह रहे लोगों के लिए ख़तरा बन रहे हैं पहाड़ों में खंडहर भवन

मैठाणा (चमोली) में बाल-बाल बचा मदन कोठियाल का परिवार !
कहीं भवन भालू, तेंदुआ और जंगली सुवर काअड्डा न बन जाएं ये खंडहर भवन !
शशि भूषण मैठाणी “पारस”
मदन कोठियाल ने भी शहरों का जीवन जिया है अब वापस लौटे हैं अपने गांव
मदन कोठियाल दो दशक पहले तक देश के अलग अलग प्रांतों में अच्छी खासी नौकरी कर चुके हैं । लेकिन उन्हें पितृ भूमि का मोह वापस मैठाणा गांव खींच लाया । फिर उन्होंने यहां पर इन्हीं खण्डहरों के बीच उम्मीद की नई लौ जलाई । अपना एक खूबसूरत आधुनिक सुख सुविधाओं वाला मकान तैयार किया और सपरिवार यहीं पर रहने लगे । लेकिन आज उनकी रचनात्मक सोच पर यह खण्डहर ग्रहण बन गए हैं ।
मदन कोठियाल और उनके परिवार को अब और भी अधिक डर इस बात का है कि इन भवनों का आगे का हिस्सा गिर गया है जिससे वह और खतरनाक व डरावने बन गए हैं । साथ ही अब उन्हें चिंता इस बात की भी है कि इन मकानों के जिस कदर गुफा जैसे मुंह खुल गए हैं, ऐसे में अब ये भवन भालू, तेंदुआ और जंगली सुवर का अड्डा भी बन जाएंगे ।
जिससे अब आने वाले दिनों में ज्यादा खतरनाक स्थिति हो सकती है । मदन कोठियाल ने खण्डहर भवन के हिस्सेदारों को फोटो क्लिक कर भेज दी है और सबसे अपील की है कि सभी लोग अपने इन खण्डहरों के मलवे को साफ करें ताकि आगे उन्हें व उनके परिवार को किसी प्रकार का खतरा न हो ।