विकास की जगह 16 साल में रुद्रप्रयाग जिले को मिली अंग्रेजी शराब और थानों की सौगात
रुद्रप्रयाग के विकास में पैरासूट नेता रोड़ा
नौ अंग्रेजी शराब की दुकानें और तीन थाने व सात पुलिस चौकियां मिली
विकास के नाम पर अभी तक नहीं बना जिला सहकारी बैंक और दुग्ध विकास संघ
जिला मुख्यालय में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्याल तक नहीं
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
रुद्रप्रयाग । राज्य निर्माण के सोलह साल गुजर जाने के बाद भी जनपद विकास के नाम पर गुमनामी के अंधेरे में खोया हुआ है। राज्य के तेरह जनपदों में रुद्रप्रयाग एक ऐसा अभागा जनपद है जिसको विकास के नाम पर अंग्रेजी शराब की दुकानें और थाने व पुलिस चौकी ही नसीब हो पाई है । अब तक के सफर में न ही जिला सहकारी बैंक और जिला दुग्ध विकास संघ का गठन भी नहीं हो पाया है, जबकि मुख्यालय में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की स्थापना भी नहीं हो पाई है। जो राजकीय व्यवसायिक महाविद्यालय खुला भी है, उसका न भवन है और ना ही अध्यापक हैं। हालांकि महाविद्यालय भवन के लिए भूमि चयनित कर ली गई है, मगर इसका निर्माण कब शुरू होगा यह भी भविष्य के गर्त में है। ऐसे में जिले के गरीब छात्रों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है।
सोलह सालों के शासन में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें सत्तासीन रही हैं और दोनों सरकारों ने जिले के विकास पर ध्यान देने के बजाय अंग्रेजी शराब से राजस्व प्राप्त करने के लिए नौ अंग्रेजी शराब की दुकानें खोल दी और अपराध मुक्त जिले में अपराधों को बढावा देने के लिए तीन थाने और पांच पुलिस चैकियां खोल दी। तीन विकास खण्डों के छोटे से जनपद में अधिकारी आने को जहां अपनी तोहीन समझते हैं, उसी छोटे से जनपद में अंग्रेजी शराब की दुकानें और पुलिस थाने व चौकियां खोलने के पीछे सरकारों का मकसद चाहे जो भी रहा हो, लेकिन राज्य निर्माण के बाद रुद्रप्रयाग विधान सभा में बाहरी नेतृत्व होने के कारण यहां के विकास पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय जिले को बर्बाद करने के लिए एक सोची-समझी रणनीति के तहत बाहरी जनप्रतिनिधियों ने अपना ध्यान केन्द्रित रखा। राज्य निर्माण से पूर्व जिले के रुद्रप्रयाग व ऊखीमठ में दो ही अंग्रेजी शराब की दुकाने हुआ करती थी। राज्य निर्माण के बाद भाजपा सरकार ने तिलवाडा, सतेराखाल, खांकरा अंग्रेजी शराब की दुकानों की स्वीकृति दी और कांग्रेस सरकार ने अगस्त्यमुनि, जखोली, घोलतीर व बसुकेदार में अंग्रेजी शराब की दुकानों की स्वीकृति दी।
कांग्रेस सरकार भाजपा से एक कदम आगे बढकर निकली और अपराध मुक्त जिले में गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, अगस्त्यमुनि में थाना खोल दिया गया और केदारनाथ, गौरीकुंड, फाटा, घोलतीर, मयाली सहित तिलवाड़ा व बसुकेदार में अस्थाई चैकियां लगाकर कुल सात चौकियां खोली और मयाली को थाना बनाने की कार्रवाई चल रही है। जबकि रुद्रप्रयाग और सोनप्रयाग को कोतवाली रैंक में शामिल किया गया है। इसके साथ ही अब चोपता, खांखरा, सौराखाल में पुलिस चौकियां बनाने की कार्यवाही भी चल रही है। राज्य निर्माण के सोलह सालों बाद भी जिला मुख्यालय पर एक अदना सा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भी नहीं है। जिला सहकारी बैंक की स्थापना और जिला दुग्ध संघ का गठन अभी तक नहीं हो पाया है। जिले में सरकार का कोई भी निदेशालय तक नहीं है और इंजीनियरिंग कालेज की कल्पना करना तो बहुत बड़ी बात है। राज्य के तेरह जनपदों में रुद्रप्रयाग एक ऐसा आभागा जनपद है, जो राज्य की विधान सभा में अपना जनप्रतिनिधि नहीं भेज पाया है। रुद्रप्रयाग विधानसभा से राज्य की विधान सभा में बाहरी जनपदों के प्रतिनिधित्व होने के कारण विकास की बात अभी तक प्रमुखता से विधान सभा में नहीं उठ पाई है। राज्य गठन के बाद तीन बार हुए विधान सभा चुनावों में बाहर का ही प्रतिनिधित्व विधान सभा में रहा और यही कारण है कि विकास के नाम पर जनपद वासियों को अंग्रेजी शराब और पुलिस थाने व चौकिंया ही नसीब हो पाई हैं।