पेपर लीक में फंसी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी तीन साल से बिना अनुबंध ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाएं करा रही थी। आयोग में कामकाज संभालने वाले नए अधिकारी भी यह देखकर हैरान-परेशान हैं।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के एक्ट के हिसाब से हर साल परीक्षा कराने वाली एजेंसी का चयन या नवीनीकरण की प्रक्रिया होनी चाहिए। आयोग में लखनऊ की आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी 2016 में तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत व सचिव एमएस कन्याल के कार्यकाल में सूचीबद्ध हुई थी। इसके बाद इस कंपनी का नवीनीकरण एक बार ही किया गया। 2019 में आरएमएस कंपनी का अनुबंध खत्म हो चुका है। बावजूद इसके आयोग ने अनुबंध नवीनीकरण की जरूरत नहीं समझी। बिना अनुबंध ही आयोग इस कंपनी से पेपर छापने के अलावा बायोमीट्रिक हाजिरी से लेकर तमाम काम कराता रहा।