आर के सिंह से ख़ौफ़ज़दा है आईएएस लॉबी
फिर खंगाली जा रही आईएएस सिंह की पत्रावली
राज्य सरकार दे चुकी है एक दिन का वेतन
कानूनी रूप से आर के सिंह का दावा हुआ मजबूत
अतुल बरतरिया
देहरादून। आईएएस अफसर रहे आरके सिंह की सेवा पत्रावली से एकबार फिर से धूल हटाई गई है। मुख्य सचिव के स्तर से इस पत्रावली के बारे में एक रिपोर्ट तैयार करवाई गई है। इस मामले पर सचिवालय में तैनात अफसरों की निगाहें जमी हुई है। एक बात पूरी तरह से साफ है कि अगर सिंह की सेवा में बहाली होती है तो इस राज्य में मुख्य सचिव पद के लिए अफसरों के समीकरण नए सिरे से तय किए जाएंगे।
1984 के बैच के आईएएस अफसर आरके सिंह को उत्तराखंड कैडर दिया गया था। राज्य गठन के बाद सिंह अवकाश लेकर विदेश चले गए थे। 2004 में तत्कालीन मुख्य सचिव एन. रामचंद्रन के समय में उनका अवकाश पूरा हुआ तो वे यहां वापस आए और उन्होंने अवकाश बढ़ाने की मांग की। इस पर मुख्य सचिव की ओर से कहा गया है कि पहले ज्वाइनिंग दें। फिर अवकाश बढ़ाया जाएगा। सिंह ने एक दिन की ज्वाइनिंग दी और साथ ही अवकाश बढ़ाने का आवेदन देकर सिंह वापस विदेश चले गए। इसी दौरान उनकी ज्वाइनिंग वाला पत्र गायब हो गया और अवकाश स्वीकृत कर दिया गया।
सिंह विदेश से लौटकर आए तो पता चला कि केंद्र सरकार ने उनकी गैरहाजिरी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मानकर सेवा समाप्ति कर दी। उसके बाद से ही सिंह सेवा में बहाली के लिए कोशिश कर रहे हैं। निशंक की सरकार के समय में सिंह बतौर सलाहकार उत्तराखंड सरकार में काम करते रहे और अपनी पत्रावली को भी दुरुस्त करवा लिया। लेकिन निशंक सरकार जाने के बाद फिर से पत्रावली वहीं आ गई जहां पहले थी। कुछ माह पहले उन्होंने राज्य सरकार को फिर से आवेदन दिया और 2004 में एक दिन की ज्वाइनिंग का हवाला देकर वेतन देने की मांग की। राज्य सरकार ने पत्रावली का अवलोकन करने के बाद उन्हें एक दिन का वेतन देकर यह सूचना डीओपीटी को को भेज दी।
इसके बाद से ही डीओपीटी सिंह के सेवा बहाली के आवेदन पर विचार कर रही है। वैसे भी एक दिन का वेतन मिलने के बाद कानूनी तौर पर उनका पक्ष मजबूत माना जा रहा है। डीओपीटी का कोई फैसला अभी आया नहीं है। लेकिन सूबे की अफसरशाही में अब खलबली मच रही है। बताया जा रहा है कि अफसरों को लग रहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार में अपने संबंधों की दम पर सिंह सेवा बहाली का आदेश ला सकते हैं। ऐसे में सिंह की पत्रावली पर शासन में फिर से मंथन हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि मौजूदा मुख्य सचिव के स्तर से इस पत्रावली पर एक रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट क्या आती है और रिपोर्ट पर क्या एक्शन राज्य के स्तर से होता है, यह देखने वाली बात होगी।
वैसे एक बात साफ है कि अगर सिंह की सेवा में बहाली होती तो मुख्य सचिव पद के समीकरण बदल सकते हैं। इस वक्त राज्य में मौजूद सभी आईएएस अफसर सिंह से जूनियर हैं। सिंह 1984 बैच के हैं और उनकी सेवा अवधि 2021 तक बताई जा रही है। अगर सिंह बहाल होते हैं तो मुख्य सचिव के पद पर उनकी दावेदारी सबसे पुख्ता होगी। ऐसे में कई अफसरों का मुख्य सचिव पद पाने के सपने को ग्रहण लग सकता है।