ऋषिकेश पालिका को नगर निगम व भीमताल नगर पंचायत को पालिका का मिला दर्जा
विस चुनाव के मद्देनजर …….
राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई लोकलुभावन फैसले
देहरादून । राज्य कैबिनेट की सचिवालय में आयोजित बैठक में विधानसभा चुनाव को देखते हुए कई लोकलुभावन फैसले लिए गए। राज्य कैबिनेट ने ऋषिकेश नगरपालिका को नगरनिगम और भीमताल नगरपंचायत को नगरपालिका का दर्जा देने का निर्णय लिया है। नये जिले बनाने का काम अगली सरकार के लिये छोड़ दिया गया है। इसके लिये 1000 करोड़ रूपये का कार्पस फंड बनाने का निर्णय लिया गया है।
सीएम हरीश रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने बताया कि ऋषिकेश नगर पालिका को नगरनिगम बनाने के निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश नगरपालिका एक लाख जनसंख्या के मानक को पूरा कर रहा है, इसलिए इसे नगरनिगम बनाने का निर्णय लिया गया है। वैसे पर्वतीय क्षेत्रों में 80 हजार की जनसंख्या पर नगर निगम बनाया जा सकता है। कुमांऊ में भीमताल नगर पंचायत को नगर पालिका परिषद का दर्जा दिए जाने को निर्णय लिया गया है।
शहरी विकास विभाग के ढांचे में अब नगरायुक्त, उपनगर आयुक्त आदि पदों को शामिल कर केंद्रीयत सेवा नियमावली को स्वीकृति दी गयी है। इसके अलावा राज्य स्थापना निगम का नामकरण तीसरी बार बदल कर अब इसका नामकरण उत्तराखंड टनल, ब्रिज एंड अदर इंप्रफास्ट्रक्चर डवलपमेंट कारपोरेशन रखा गया है। आपदा राहत की अनियमितताओं की जांच को गठित न्यायमूर्ति एमएस चैहान आयोग की शर्तें राज्य सूचना आयोग जैसी ही होंगीं। न्यायमूर्ति चौहान चंडीगढ़ उच्च न्यायालय से अवकाश प्राप्त हैं।
विश्वविद्यालयों के संदर्भ में पर्वतीय मानक में शिथिलीकरण किया गया है । अब पांच करोड रूपये के स्थान पर दोबारा टर्नओवर दो करोड रूपये कर दिया गया है। मंत्रीमंडल के सामने सूखे और भागीरथी इको सेंसेटिव जोन पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसमें एनजीटी के सामने दोबारा प्रदेश का पक्ष रखा जायेगा क्योकि अनुभव किया जा रहा है कि हिमाचल तथा उत्तराखंड के साथ भिन्न-भिन्न व्यवहार दिख रहा है।
गढवाल विश्वविद्यालय के श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में समायोजन की मांग रहे अंशकालिक 52 प्रवक्ताओं को श्रीदेव सुमन विवि के पर्वतीय परिसर तथा पर्वतीय क्षेत्रा के महाविद्यालयों ,जहां रिक्तियां हो, यूजीसी के मानकों में समायोजन का प्रस्ताव दिया गया है। इससे उन्हे 15 की जगह 35 हजार रूपये मिलेंगें । इसी तरह कुमाउफं विवि में 24 संविदा प्रवक्ताओं के नियमितिकरण का निर्णय किया गया है।
केंद्रीय पोषित परियोजनायें बंद होने पर वहां के आउटसोर्सिंग कर्मियों को अन्य परियोजनाओं में अध्मिान दिया जायेगा। इन्हे विभागों में भी अध्मिान दिया जायेगा। हरिद्वार में सोनाली व गंगा के खादर के विकास को खादर विकास बोर्ड बना दिया गया है। इसके अलावा भाट समुदाय के लिये चंदबरदाई स्कालरशिप शुरू की जायेगी । इसके लिये 50 लाख रूपये कोर्पस फंड बनाया जायेगा।