हवाई सेवाओं ने मांगा तीन दिन का समय, उड़ानें फिर से शुरू
- सैकड़ों यात्रियों ने ली राहत की सांस
- उड्डयन विभाग की मनमानी से कई यात्रियों का जमा पैसा डूबा
रुद्रप्रयाग । केदारघाटी में संचालित हेली सेवा कंपनियों को फिर से उड़ान भरने की सहमति मिल गई है। हेलीकॉप्टर सेवा बंद होने के कारण एक हजार से अधिक तीर्थ यात्री केदारघाटी में रूके हुए थे, जिन्हें बुधवार को केदारनाथ ले जाया गया। लेकिन कई यात्री समयाभाव के कारण केदार बाबा के दर्शनों से वंचित रह गए,और हेली सेवा लेने के लिए कई यात्रियों का जमा कराया पैसा भी डूब गया ।
दरअसल, नागरिक उड्डयन विभाग की शर्तों एवं एनटीजी के नियमों का पालन न करने पर सात हेली सेवा कंपनियों पर अचानक रोक लगाई थी। नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से हवाई सेवा कंपनियों को एक दिन का समय दिया गया था और नियमों का पालन करने के साथ ही जीपीएस डाटा जमा करने तथा 2013 से लंबित भुगतान को कहा गया था। कंपनी की ओर से उड्डयन विभाग को तीन दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के साथ ही नियमों का पालन करने पर सहमति बनी। इसके बाद बुधवार को हैली सेवा कंपनियों ने फिर से उड़ाने भरना शुरू की। हेली सेवाओं के चलने के बाद तीर्थ यात्रियों ने भी राहत की सांस ली है।
सोचने वाली यह भी है कि लेकिन जिस प्रकार युकाडा द्वारा बार-बार जारी नोटिस के बाद भी हैली कंपनियों ने सभी नियमों को दरकिनार कर नोटिस को नजरअंदाज किया, उससे विभाग को इन पर लगाम कसनी जरूरी थी, मगर इसका अंजाम लोगों को भी एक दिन के लिए भुगतना पड़ा। वहीँअचानक हैली सेवाओं को बंद कारण ऐसे कई यात्री बाबा केदार के दर्शन समयाभाव के कारण नहीं कर पाए और उल्टा ऑनलाइन हैली बुकिंग के चलते उनका पैसा भी डूब गया। यात्रियों का कहना था कि उकाडा को इस तरह के अचानक निर्णय लेने से पहले यात्रियों को सूचना देनी चाहिए थी जिससे उनका समय और पैसा दोनों बच सकता था।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियालय ने बताया कि युकाडा और हवाई सेवा कंपनियों के बीच हुई वार्ता के बाद हवाई सेवाएं शुरू हो गई है। हवाई सेवा बंद होने से तीर्थयात्री केदारघाटी में रूके हुए थे, जिन्हें अब केदारनाथ जाने में दिक्कतें नहीं होंगी।