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भारत के पड़ोसी देश चीन के साथ मलारी बोर्डर पर संबंध मधुर : सेना प्रमुख बिपिन रावत

सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण अखरोट के उत्पादन से करें स्वरोजगार और पलायन पर लगाएँ  रोक 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

मलारी (जोशीमठ) : दीपावली पर्व से पहले सेना प्रमुख बिपिन रावत उत्तराखंड के चमोली जिले से लगी चीन सीमा की रक्षा में मुस्तैद सेना के जवानों और स्थानीय भोटिया जनजाति के ग्रामीणों से कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण अखरोट के उत्पादन से स्वरोजगार कर सकते हैं। इससे जहां उनकी आर्थिकी सुदृढ होगी वहीं क्षेत्र से पलायन भी रुकेगा। उन्होंने कहा सीमा पर रहने वाले स्थानीय लोग सेना के आँख और कान हैं लिहाज़ा सेना के लोगों का और स्थानीय लोगों के बीच बेहतर सम्बन्ध होने चाहिए। 

इससे पूर्व मलारी गांव के भोटिया जनजाति के लोगों ने जनरल रावत का ढोल-दमाऊ से परम्परागत तौरतरीके से स्वागत किया। जनरल रावत ने यहां चौकियों में तैनात जवानों से भी भेंट कर उनके साथ जलपान किया और मनोबल बढ़ाया। उन्होंने इस दौरान बेहतर कार्य करने वाले सेना के अधिकारी और सैनिकों को सेना प्रशस्ती पत्र मेडल भी प्रदान किए गए।

उन्होंने मलारी में स्थानीय भोटिया जनजाति के ग्रामीणों के साथ अखरोट के पौधों का रोपण कर सीमा क्षेत्र से हो रहे पलायन को रोकने का संदेश दिया। सेना प्रमुख का सीमा क्षेत्र का दौरा सेना के अधिकारियों और जवानों में जोश भर गया।

गौरतलब हो कि सेना प्रमुख हेलीकॉप्टर से आज सुबह साढ़े दस बजे मलारी में सेना के हेलीपेड पर उतरे। सबसे पहले उन्होंने मलारी गांव के समीप भोटिया जनजाति के ग्रामीणों के साथ अखरोट के पौधों का रोपण किया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण अखरोट के उत्पादन से स्वरोजगार कर सकते हैं। इससे आर्थिकी सुदृढ होने के साथ ही क्षेत्र से पलायन भी रुकेगा।

इसके बाद उन्होंने सेना के अधिकारियों और जवानों के साथ मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वे दीपावली पर्व पर जवानों से मिलने यहां पहुंचे हैं। उन्होंने सेना और ग्रामीणों के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया। ग्रामीणों ने नीती घाटी में संचार सेवा की बदहाली की समस्या भी सेना प्रमुख के सम्मुख रखी। इस पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनकी मुख्यमंत्री से वार्ता हुई है।

जल्द ही घाटी में संचार सेवा दुरुस्त हो जाएगी। करीब डेढ़ घंटे तक मलारी में रुकने के बाद सेना प्रमुख हेलीकॉप्टर से देहरादून लौट गए। उन्होंने कहा की भारत के पड़ोसी देश चीन के साथ मलारी बोर्डर पर संबंध मधुर है। सरहद पर रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए चिंता करने वाली कोई बात नहीं है।

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