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राजनाथ सिंह ने रूस में कहा : कम वक्त में रक्षा सौदा पूरा करने के लिए तैयार

दोनों देश कम समय में रक्षा सौदे पूरा करने के लिए तैयार: राजनाथ सिंह 

एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की समय पर होगी डिलीवरी

मॉस्को : रूस के दौरे पर चल रहे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक भागीदारी करते हैं। रक्षा संबंध इसके महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। उन्होंने कहा कि रूस और भारत ने अपने रक्षा सहयोग की समीक्षा की और इसके विस्तार के तरीकों पर चर्चा की। दोनों देश कम समय में रक्षा सौदे पूरा करने के लिए तैयार हैं।
राजनाथ सिंह द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत संघ की विजय की 75वीं वर्षगांठ पर मास्को में आयोजित होने वाले एक भव्य सैन्य परेड में भाग लेने और शीर्ष रूसी सैन्य अधिकारियों के साथ वार्ता करने के लिए रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर मास्को में हैं। उन्होंने कहा कि मॉस्को की उनकी यात्रा कोविड महामारी के बाद आधिकारिक प्रतिनिधमंडल के साथ पहली विदेश यात्रा है। उन्होंने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, यह हमारी विशेष मित्रता का संकेत है। महामारी की सभी कठिनाइयों के बावजूद हमारे द्विपक्षीय संबंध विभिन्न स्तरों पर अच्छे बने हुए हैं।

एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की समय पर डिलीवरी
रक्षा मंत्री ने रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मेरी चर्चा बहुत सकारात्मक और सफल थी। मुझे आश्वासन दिया गया है कि चल रहे अनुबंधों को बनाए रखा जाएगा और न केवल बनाए रखा जाएगा, बल्कि कई मामलों में कम समय में आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे सभी प्रस्तावों को रूसी पक्ष से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।
भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की समय पर डिलीवरी के संकेत पर उन्होंने कहा कि मैं अपनी चर्चाओं से पूरी तरह संतुष्ट हूं। भारत ने रूस के साथ अक्तूबर 2018 में एस -400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए पांच बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस अमेरिका ने ऐतराज भी जताया था।
रूसी लोगों के बलिदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि
राजनाथ सिंह की रूस यात्रा भारत और चीन के बीच बढ़ते सीमा गतिरोध के बीच, खासकर 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सेना के 20 जवानों की हत्या के बाद हुई है। रूस अपनी सीमा रेखा के बाद भारत और चीन दोनों के संपर्क में है और अधिकारियों ने मॉस्को में राजनाथ सिंह की बैठकों के दौरान इस मामले पर चर्चा से इनकार नहीं किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि वह 75वीं विजय परेड में भाग लेंगे, जिसमें भारतीय सैन्य दल बुधवार (24 जून) को रेड स्क्वायर में मार्च करेगा।
राजनाथ सिंह ने द्वितीय विश्व युद्ध में जीत के लिए रूसी लोगों के बलिदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी और इसमें योगदान के लिए सराहा। इस युद्ध में भारतीय जवानों ने भी भाग लिया था।गौर हो कि परेड में भाग लेने के लिए 75 सदस्यीय भारतीय सैन्य टुकड़ी पहले ही मास्को पहुंच चुकी है। भारतीय टीम चीन सहित कम से कम 11 देशों के सशस्त्र बल के जवानों के साथ परेड में भाग लेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि वह इस वर्ष के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पिछले साल भारत ने मिसाइल प्रणालियों के लिए रूस को लगभग 800 मिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान किया था। मॉस्को को अगले साल की दूसरी छमाही तक सिस्टम की डिलीवरी शुरू करनी थी। रूस हथियारों और गोला-बारूद के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत और रूस के बीच पारंपरिक मित्रता मजबूत बनी हुई है। हमारे आपसी हित ठोस हैं और हम अपनी विशेष मित्रता की भावना से भविष्य में सहयोग करने के लिए तत्पर हैं।
चीनी रक्षा मंत्री से मिलने की संभावना से इनकार
चीनी मीडिया में मंगलवार को अटकल रही कि चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग्हे के दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव के बीच मास्को में अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से मिलने की संभावना है। हालांकि, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस तरह मिलने की संभावना से इनकार कर दिया। महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित कीरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मास्को स्थित भारतीय दूतावास के परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सिंह ने मंगलवार को ट्वीट किया, ”मास्को में आज भारतीय दूतावास का दौरा किया और महात्मा गांधी को उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर विनम्र श्रद्धांजलि दी।” ट्वीट के साथ जारी तस्वीरों में सिंह फेस मास्क पहने और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते दिख रहे हैं।

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