केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम जाने की नियम विरुद्ध कैसे दी गई अनुमति
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। प्रदेश के जाने माने वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता आलोक घिल्डियाल ने प्रधानमंत्री से ऐसे गैरजिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है ऐसे समय में जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है और उत्तराखंड का एक वरिष्ठ नौकरशाह द्वारा यूपी के एक विधायक को लाव -लश्कर के साथ केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम जाने की नियम विरुद्ध अनुमति प्रदान की जाती है , जो केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का उलंघन तो है ही साथ में शारीरिक दुरी के मानदंड का भी उलंघन है। उन्होंने उत्तराखंड के नियम विरुद्ध कार्य करने वाले अधिकारी को निलंबित करने की मांग की है।
अपनी मित्र मंडली के साथ लाकडाउन में पहाड़ों पर मौज मस्ती करने आये यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ भले ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया हो लेकिन सवाल यह है कि क्या नियम कानूनों को ताक पर रखकर अमनमणि त्रिपाठी को पास जारी करने वाले शासन—प्रशासन में बैठे अधिकारियों पर भी कोई कार्यवाही की जायेगी और अगर की जायेगी तो यह कार्यवाही कौन करेगा और अभी तक क्यों नहीं की गयी है।
अपर मुख्य सचिव और दून के जिलाधिकारी जिनके द्वारा विधायक को पास जारी किये गये क्या उसमें उन्होने नियम कानूनों का पालन किया और अगर नहीं किया गया तो अभी तक इन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गयी है? क्या कानून सिर्फ आम आदमी के लिए ही है। एक आम आदमी जिसे अति आवश्यक होने की दशा में भी प्रशासन द्वारा पास नहीं दिया जा रहा है और पुलिस नियमों का जरा सा भी उल्लंघन करने पर मजदूरों व आम आदमी को मुर्गा बना रही है, डंडे बरसा रही है तथा उन्हे क्वारंटाइन पर रहने पर मजबूर कर रही है। उस पुलिस प्रशासन द्वारा अमनमणि को कैसे तो पास दे दिया और कैसे वह गोचर तक अपनी तीन गाड़ियों में 12 लोगों के साथ पहुंच गये?
इस मामले में डीजी ला एण्ड आर्डर अशोक कुमार का कहना है कि उन्हे क्वारंटाइन क्यों नहीं किया गया यह उनके स्तर का काम नहीं है। इसका जवाब डीएम और एसएसपी ही देंगे। लेकिन उनका कहना है कि अगर विधायक ने किसी अधिकारी से अभद्रता की है तो उनके खिलाफ एफआईआर में और धाराएं भी जोड़ी जा सकती है। अशोक कुमार का साफ कहना है कि तीन गाड़ियों मे नौ लोग ही जा सकते है जबकि वह 12 लोग थे जो कानून का उल्लघंन है।
प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उठाये सवाल
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तरप्रदेश के एक विधायक को बदरीनाथ धाम तक पास जारी करने से सरकार का पूरा तंत्र कठघरे में है। पास जारी करने से पहले इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए था। सरकार को यह बताना चाहिए कि पास जारी करने का आधार क्या रहा है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए व्यवस्था बनाई गई है कि प्रदेश के बाहर से जो भी आएगा, उसे 14 दिन क्वारंटाइन किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में जिन अधिकारियों से गलती हुई उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। साथ में जिस अधिकारी ने विधायक को रोकने का साहस दिखाया और थाने में निजी मुचलका भरने को मजबूर किया, उसे सम्मानित किया जाना चाहिए।
ब्रहमकपाल के तीर्थ पुरोहित नाराज अब पीएम से करेंगे नौकरशाह की शिकायत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के पिता के पितृ कार्य के लिए यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को बदरीनाथ धाम आने देने की अनुमति से धाम के तीर्थ पुरोहित भी खासे गुस्से में हैं। ब्रहमकपाल के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि बदरीनाथ धाम की यात्रा बंद है और ब्रहमकपाल में कोई पितृ कार्य नहीं हो सकता।
ब्रहमकपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत के प्रवक्ता डा. बृजेश सती ने कहा कि इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री से की जाएगी। पंचायत के अध्यक्ष उमेश सती के साथ ही अन्य तीर्थ पुरोहितों ने इस मामले में टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आपस में बात की।
सती के मुताबिक एक तरफ सरकार उन्हें बदरीनाथ धाम जाने की इजाजत नहीं दे रही है और दूसरी ओर शासन एक साथ दस लोगों को इजाजत दे रहा है।
गौरतलब हो कि इस सारे मामले को लेकर अमनमणि व 11 और लोगों के खिलाफ एक एफआईआर टिहरी जिले के मुनि की रेती थाने सहित हरिद्वार तथा नजीबाबाद में मुकदमा दर्ज किया गया है।