हिन्दी में हो केन्द्रीय सूचना आयोग की कार्यवाही
नदीमुद्दीन
सूचना अधिकार लागू होने के 11 वर्ष बाद भी अभी तक केन्द्रीय सूचना आयोग की अपील व शिकायत पर कार्यवाहियां राष्ट्रभाषा हिन्दी में नहीं हो रही है जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 तथा राजभाषा अधिनियम 1963 तथा उसके अन्तर्गत राजभाषा नियमावली 1976 प्रावघानों के विपरीत है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित सूचना का अधिकार नियमावली 2017 में भी ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है। इस पर भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा मांगे गये सुझावों पर सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने केन्द्रीय सूचना आयोग में हिन्दी प्रयोग हेतु नियमावली में स्पष्ट प्रावधान शामिल करने का सुझाव दिया है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अपर सचिव (सूचना का अधिकार) को भेजे सुझाव में लिखा है कि प्रस्तावित सूचना का अधिकार नियमावली 2017 के नियम 22 के दूसरे पैरा में में ’’आयोग की कार्यवाही अंग्रेजी अथवा हिन्दी में संचालित की जाएगी’’ लिखा गया है जबकि केन्द्रीय सूचना आयोग तथा केन्द्र सरकार तथा इसके अन्तर्गत लोक प्र्राधिकारियों के कार्यालयों में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने तथा भारतीय संविधान के राजभाषा संबंधी प्र्रावधानों तथा राजभाषा अधिनियम 1963 तथा इसके अन्तर्गत लागू राजभाषा(संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिये प्रयोग) नियम 1976 का पालन सुनिश्चित कराने के लिये भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के राजभाषा संबंधी प्रावधानों तथा राजभाषा अधिनियम 1963 तथा इसके अन्तर्गत लागू राजभाषा(संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिये प्रयोग) नियम 1976 के अनुरूप संगत स्पष्ट प्रावधान किये जाने चाहियें।
यह प्रावधान राजभाषा अधिनियम 1963 तथा इसके अन्तर्गत लागू राजभाषा(संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिये प्रयोग) नियम 1976 के नियम 3, 4, 5 व 7 के अनुरूप होंगे। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय सूचना आयोग पर उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय पर लागू होने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 348 तथा राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 7 के प्रावधान लागू नहीं हो सकते है। राजभाषा(संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिये प्रयोग) नियम 1976 के नियम 2(ख) के अन्तर्गत आयोग ’’केन्द्रीय सरकार के कार्यालय’’ के अन्तर्गत आता है।
श्री नदीम द्वारा भेजे सुझाव के अनुसार नियम 22 के दूसरे पैरा में तीन प्रकार के मामलों में राजभाषा नियम 1976 के प्रावधानों के अनुरूप केवल हिन्दी का प्रयोग किया जाये। इसमें लिखा जाना चाहिये कि आयोग की कार्यवाही इन मामलों में केवल हिन्दी में संचालित की जाएगी। इनके अतिरिक्त अन्य मामलों में अंग्रेजी अथवा हिन्दी में संचालित की जाएगीः।
श्री नदीम के अनुसार जब कोई अपील, शिकायत, अनुपालन संबंधी पत्राचार हिन्दी में प्राप्त हुआ है या हिन्दी में हस्ताक्षरित है तो उस पर आयोग की समस्त कार्यवाही हिन्दी में ही संचालित की जाएगी।दूसरे जब कोई अपील, शिकायत, अनुपालन संबंधी पत्राचार श्रेणी क क्षेत्र (बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली राज्य तथा संघीय क्षेत्र अंडमान निकोबार द्वीप समूह) से प्राप्त हुआ है या उसमें उल्लेखित केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी का कार्यालय श्रेणी क क्षेत्र में है तो उस पर आयोग की समस्त कार्यवाही हिन्दी में ही संचालित की जाएगी। तीसरे जब कोई अपील, शिकायत, अनुपालन संबंधी पत्राचार श्रेणी ख क्षेत्र (गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब राज्य तथा संघीय क्षेत्र चण्डीगढ़, दमन एवं दीव तथा दादरा नागर हवेली) से प्राप्त हुआ है या उसमें उल्लेखित केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी का कार्यालय श्रेणी ख क्षेत्र में है तो उस पर आयोग की समस्त कार्यवाही हिन्दी में ही संचालित की जाएगी। यदि श्रेणी ख क्षेत्रों से संबंधित कोई कार्यवाही अंग्रेजी में की जाती है तो उससे संबंधित नोटिस, आदेश, निर्णय आदि के साथ उसका हिन्दी अनुवाद अवश्य संलग्न किया जायेगा।