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हिमालयन मीट आयोजन में सितम्बर में उत्तराखंड आएंगे प्रधानमंत्री मोदी

हिमालय नीति पर बनेगा ड्राफ्ट और हिमालयी मुद्दों पर होगी चर्चा 

हिमालय दिवस को  त्रिवेंद्र सरकार यादगार बनाएगी ऐतिहासिक 

देहरादून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  9 व 10 सितंबर को एक बार फिर उत्तराखंड आ रहे हैं। वह उत्तराखंड में एक विशेष आयोजन में खास मेहमान बनेंगे। प्रदेश सरकार ने आयोजन की तैयारियां शुरू कर दी हैं।  हिमालय दिवस को इस बार त्रिवेंद्र सरकार यादगार बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री की पहल पर सरकार की ओर से इस मौके पर हिमालयन मीट 2017 का आयोजन किया जा रहा है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाने का निर्णय हुआ है। हिमालयी राज्यों के सभी मुख्यमंत्री भी इसमें शामिल होंगे।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। हिमालयन मीट का आयोजन 9 व 10 सितंबर 2017 को एफआरआई में होगा। आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया जा रहा है। सचिवालय में हुई बैठक में मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने आयोजन की तैयारी, समूहों के गठन, कार्य योजना, विषयों के चयन, आयोजन के स्वरूप पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा की।

बैठक में तय हुआ कि हिमालयी संसाधनों, हिमालयी अर्थव्यवस्था, जल संचय, पर्यटन, परिस्थिकीय अर्थ व्यवस्था, विकास मॉडल, पलायन, आपदा प्रबंधन, सामाजिक, राजनीतिक विषयों के साथ ही जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण के अनुकूल सतत विकास जैसे विभिन्न हिमालयी मुद्दों पर विचार मंथन होगा। हिमालयन मीट में पहाड़ी राज्यों की ओर से ग्रीन बोनस की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा।

हिमालय राज्यों के हितों से जुड़े इन मुद्दों पर होने वाली चर्चा से निकलने वाले सुझावों से हिमालय नीति का ड्राफ्ट बनेगा और इसे नीति आयोग और केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा। इस आयोजन में नीति आयोग, भारत सरकार के सलाहकार, स्वयंसेवी संस्थाएं, विषय विशेषज्ञ, राज्य के विधायक, सांसद, अकादमिक और औद्योगिक जगत समेत प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।  

पर्यावरणविदों का कहना है कि अब समय आ गया है, जब हिमालय के प्रति सभी एक समान दृष्टिकोण अपनाएं। पीएम नरेंद्र मोदी को भी हिमालय पर अपना दृष्टिकोण देना चाहिए। पूरे हिमालय को लेकर एक नीति तैयार करनी होगी।

उत्तराखंड के सभी जनपदों को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए हेलिपैड, एयरस्ट्रिप बनाने का कार्य किया जा रहा है। गंगोत्री, यमुनोत्री के लिए चिन्यालीसौड़, बद्रीनाथ, केदारनाथ धाम के लिए गोचर हेलिपैड से हवाई सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। पंतनगर और पिथौरागढ़ से देहरादून, दिल्ली के साथ ही अन्य शहरों को जोड़ा जाएगा। 9-10 सितंबर को आयोजित होने वाले हिमालयन मीट में हिमालयी राज्यों के साथ रीजनल कनेक्टिविटी पर भी परिचर्चा रखी जाएगी। शुक्रवार को सचिवालय में एयरपोर्ट अथॉर्टी ऑफ इंडिया और उत्तराखंड सरकार के मध्य एमओयू हस्ताक्षर के अवसर पर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने ये बातें कहीं।

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