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राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी कोविंद प्रचार के लिए पहुंचे देहरादून

देहरादून : राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद सोमवार सुबह साढ़े 11 बजे देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत भी कोविंद के साथ देहरादून पहुंचे हैं।एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनकी कैबिनेट के सदस्यों द्वारा कोविंद का स्वागत किया। एक जानकारी के अनुसार वे उत्तराखंड में प्रचार करने आएं हैं।

पार्टी संगठन का प्रतिनिधित्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने किया। इससे पहले रविवार को अजय भट्ट ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कोविंद के स्वागत के लिए जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने का आह्वान किया था।

कोविंद एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से सीएम आवास पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री आवास पहुंचने पर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने अपने बीजेपी के सहयोगियों के साथ रामनाथ कोविंद का सम्मान किया। कोविंद ने सीएम आवास में भाजपा सांसदों और विधायकों से मुलाकात की।

इस मौके पर निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार और राम सिंह कैड़ा की मौजूदगी खास रही। कोविंद ने विधायकों और सांसदों के अपने पक्ष में मतदान करने की अपील भी की। कोविंद ने विधायक मंडल दल की बैठक में शिरकत की। इससे पहले रास्ते में उनका कई जगहों पर उनका स्वागत किया गया। डोईवाला में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर स्वागत किया। इस मौके पर करीब डेढ़ घंटे तक मौजूद लोगों की वार्ता भी हुई। सूत्रों की मानें तो इस दौरान चुनाव प्रक्रिया पर भी चर्चा हुई। एक-एक वोट सही से डाला जाए, इसकी जानकारी भी दी गई। तत्पश्चात कोविंद ने सभी के साथ भोजन में हिस्सा लिया।

यहां से वे सीधे दिल्ली को रवाना हुए। सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कि चुनाव से पहले राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी सभी राज्यों में जाकर जनप्रतिनिधियों से वोट देने की अपील करते हैं, यह एक सामान्य प्रक्रिया है। रामनाथ कोविंद भी इसी क्रम में देहरादून आए और सभी विधायकों व सांसदों से मुलाकात की। 

राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 28 जून है और नामांकन पत्रों की जांच की 29 जून व नाम वापसी की अंतिम तिथि एक जुलाई है। मतदान 17 जुलाई को तथा मतगणना 20 जुलाई को होगी।

गौरतलब है कि लोकसभा, राज्यसभा सदस्यों के अलावा सभी राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य चुनाव में हिस्सा लेने के पात्र हैं। सांसद दिल्ली स्थित संसद भवन में तथा विधायक अपने राज्य की विधानसभाओं में मतदान करेंगे। 

सादगी के लिए मशहूर रामनाथ कोविंद ने अपने कानपुर वाले मकान को दान कर दिया था। बिहार के राज्यपाल रामनाथ तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके भतीजे पंकज की झींझक बाजार में एक छोटी सी कपड़े की दुकान है।

कानपुर देहात परौख गांव में कोविंद अपना पैतृक मकान बारातशाला के रूप में दान कर चुके हैं। बड़े भाई प्यारेलाल व स्वर्गीय शिवबालक राम हैं। रामनाथ कोविंद इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ महामंत्री रह चुके हैं। अगस्त 2015 में बिहार के राज्यपाल के तौर पर भी उनके नाम की घोषणा अचानक ही हुई थी।कोविंद लगातार 12 वर्षों तक राज्यसभा सांसद रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे हैं।

बीजेपी दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामंत्री भी रह चुके हैं। आईएएस परीक्षा में तीसरे प्रयास में मिली थी सफलता रामनाथ कोविंद की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हुई।

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