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राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने शिक्षक दिवस पर देश के 47 शिक्षकों को दिए राष्ट्रीय पुरस्कार

उत्तराखंड के दो शिक्षकों मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
राष्ट्रपति ने कोविड के समय में डिजिटल शिक्षा के माध्यम से शिक्षकों की भूमिका की सराहना की
राष्ट्रीय शिक्षा नीति बच्चों को भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार करेगी: श्री रामनाथ कोविंद
शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं जिनका चरित्र, भावना और ऊर्जा राष्ट्रों के भाग्य को आकार देती है : केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. निशंक
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने शिक्षक दिवस के अवसर पर आज ( 5 सितंबर, 2020) देश के 47 विजेताओं को वर्चुअल तरीके से आयोजित अब तक के प्रथम समारोह में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने अपने भाषण में पुरस्कार के विजेताओं को बधाई दी और स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता के लिहाज से सुधार लाने के लिए शिक्षकों द्वारा उठाये गए कदमों की सराहना की। उन्होंने पाया कि राष्ट्रीय पुरस्कार के विजेताओं में लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं हैं और उन्होंने शिक्षकों के रूप में महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ और शिक्षा राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस अवसर पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव श्रीमती अनिता करवाल और उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव श्री अमित खरे तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने डॉ. एस राधाकृष्णन को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह एक दूरदृष्टा, राजनीतिज्ञ और सबसे महत्वपूर्ण यह कि एक असाधारण शिक्षक थे। उन्होंने कहा कि उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना राष्ट्र के विकास की दिशा में उनके द्वारा दी गई सेवाओं के लिए एक निशानी मात्र है और साथ ही यह शिक्षकों के समस्त समुदाय के लिए सम्मान का भी एक प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह अवसर हमें उनकी प्रतिबद्धता और शिष्यों के जीवन में उनके सर्वोच्च योगदान के लिए हमारे शिक्षकों के प्रति सम्मान करने का भी एक अवसर प्रदान करता है। उन्होंने यह विचार भी व्यक्त किया कि यही प्रतिबद्धता किसी विद्यालय के लिए नींव का पत्थर होती है क्यांकि शिक्षक ही वास्तविक राष्ट्र निर्माता होते हैं जो बच्चों के ज्ञान एवं चरित्र का निर्माण करने में मददगार होते हैं।
कोविड महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में डिजिटल प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए, राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि हमारे शिक्षक इस प्रौद्योगिकी की सहायता लेकर बच्चों तक पहुंच रहे हैं। इस नई प्रौद्योगिकी जनित शिक्षण में रूपांतरित होने के शिक्षकों के कौशलों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने कौशलों को ‘अपग्रेड और अपडेट‘ करना सभी शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है जिससे कि शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाया जा सके और छात्रों को नई तकनीकों के साथ प्रवीण भी बनाया जा सके। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा ने माता पिता के लिए शिक्षकों से हाथ मिलाना और शिक्षा के नए क्षेत्रों में दिलचस्पी पैदा करना करने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करना अपरिहार्य बना दिया है। डिजिटल विभाजन की ओर इंगित करते हुए, उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि कदम उठाये जाने चाहिए जिससे कि जनजातीय और सुदूर क्षेत्रों के बच्चे भी लाभान्वित हो सकें।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि हाल ही में लागू की गई यह नीति हमारे बच्चों को भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार करने की एक कोशिश है और इसकी रूपरेखा विभिन्न हितधारकों के विचारों पर ध्यान देने के बाद तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि अब शिक्षकों पर ही इस नीति को सफल एवं उत्पादक बनाने का अहम दायित्व होगा। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि शिक्षकों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को कार्यान्वित करने के लिए सक्षम बनाने के सभी प्रयत्न किए जा रहे हैं और शिक्षा के क्षेत्र के लिए केवल सर्वश्रेष्ठ का ही चयन किया जाएगा।
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— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) September 5, 2020