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विधान सभा समिति की जहरीली शराब कांड पर रिपोर्ट पेश

  • जहरीली शराब मामले में ड्रग कंट्रोलर व इंस्पेक्टर पर गिर सकती गाज
  • अभी तक आई सिर्फ छह मृतकों की बिसरा रिपोर्ट

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून : उत्तर प्रदेश से सटे उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र के अंतर्गत बालूपुर समेत पांच गांवों में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत के मामले की जांच के लिए गठित विधानसभा की समिति की रिपोर्ट शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान सदन के पटल पर रखी गई।  समिति ने अपनी रिपोर्ट में हरिद्वार जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन, आबकारी विभाग और ड्रग, स्वास्थ्य विभाग को लेकर सवाल उठाए हैं। इस कड़ी में ड्रग कंट्रोलर व इंस्पेक्टर समेत ड्रग विभाग की भूमिका पर सर्वाधिक सवाल उठाए गए हैं। इस बीच मांगे जाने पर सरकार ने प्रकरण में अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) भी विस अध्यक्ष को सौंप दी। विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार एटीआर देखने के बाद मामले में निर्णय लिया जाएगा और फिर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।

जहरीली शराब कांड की जांच को विधायक खजानदास की अध्यक्षता में 12 फरवरी को गठित विधानसभा की समिति ने मौके पर जाकर विभिन्न पहलुओं से प्रकरण की जांच की। बीते रोज समिति ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी थी, जिसे शुक्रवार को सदन के पटल पर रखा गया। इसके बाद रिपोर्ट की प्रतियां मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष को अध्ययन के लिए उपलब्ध कराने के साथ ही सरकार से मामले में एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी गई। सरकार की ओर से शाम को यह उपलब्ध भी करा दी गई।

विस की समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जहरीली शराब कांड होने के बाद हरिद्वार के डीएम एक बार ही मौके पर गए। एक मृतक के शव को मोटरसाइकिल से ढोए जाने को भी समिति ने गंभीरता से लिया। सूत्रों के मुताबिक इस बारे में सीएमओ ने समिति को बताया कि एंबुलेंस से शव नहीं ढोया जा सकता था। इस पर समिति का कहना है कि यदि एंबुलेंस नहीं थी तो या ऐसा कोई प्रावधान है तो शव ढोने के लिए अन्य वाहन की व्यवस्था की जा सकती थी।

रिपोर्ट में उल्लेख है कि ड्रग कंटोलर और ड्रग इंस्पेक्टर का क्षेत्र में कंट्रोल होना चाहिए था। सवाल उठाया गया है कि रुड़की में केमिकल से भरे छह ड्रम मिलने के बाद भी इसकी समय रहते जांच क्यों नहीं की गई। इसे भी समिति ने बेहद गंभीरता से लिया है। आबकारी विभाग व पुलिस प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा किया गया है। आबकारी व पुलिस के डेढ़ दर्जन कार्मिकों पर सरकार पहले ही कार्रवाई कर चुकी है। इसे भी समिति ने संज्ञान लिया है।

जहरीली शराब कांड में 40 लोगों की मौत हुई है, लेकिन अभी छह मृतकों की बिसरा रिपोर्ट ही आई है। इसमें मौत का कारण जहरीली शराब का सेवन आया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह उल्लेख किया है।

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