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पर्यटन मंत्री ने सचिव को दिए GMVN की MD द्वारा कर्मचारियों के उत्पीड़न पर जांच के आदेश

  • एमडी ने पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर जानबूझ कर किया उत्पीड़न !

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) की प्रबंध निदेशक द्वारा लगातार कर्मचारियों के उत्पीड़न किये जाने की शिकायतों के बाद पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर को इस संबध में  जहां निरंकुश हो चुकी एमडी का जवाब-तलब करने के आदेश दिए हैं वहीं उन्होंने  कर्मियों से जुड़े पांच बिंदुओं पर जांच कर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट उन्हें सौंपने को कहा गया है।मामले में निगम के कुछ कर्मचारियों को बेवजह प्रशिक्षण के बहाने चारदिन तक टहलाने का मामला भी जोड़ा गया है जबकि सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए एक सवाल पर निगम ने किसी भी तरह के प्रशिक्षण से साफ़ मना किया है इससे साफ़ है कि निगम की एमडी ने पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर जानबूझ कर कर्मचारियों का उत्पीड़न किया है।

गौरतलब हो कि गढ़वाल मंडल विकास निगम की प्रबंध निदेशक ज्योति यादव ने बीते वर्ष जून 2018 में कर्मचारियों की कार्यशैली से खफा होकर सख्ती दिखाते हुए कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी थी। वहीं इसके बाद कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में कई कर्मचारियों के निलंबन, तबादलों व जवाब-तलब कर उनका उत्पीड़न भी किया ,इस दौरान दो कर्मचारियों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा है।

एमडी की इस तरह की उत्पीड़नात्मक कार्रवाही से निगम कर्मियों में खासा आक्रोश भी देखा जा रहा है। सैकड़ों कर्मचारियों ने अपने भविष्य से चिंतित होकर उत्पीड़न के मसले पर पर्यटन मंत्री के समक्ष अपना पक्ष रखा। जिस पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने संज्ञान लेते हुए सचिव पर्यटन को कार्मिकों के मामलों के संबंध में जांच के आदेश दिए हैं।

पर्यटन मंत्री ने सचिव पर्यटन को दिए आदेश में कहा है कि उनके संज्ञान में आया है कि जीएमवीएन की प्रबंध निदेशक की कार्यप्रणाली के कारण कार्मिकों में दिन ब दिन आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यही स्थिति रही तो यह आक्रोश उग्र रूप ले सकता है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव सरकार की छवि पर पड़ेगा। इसके लिए उन्होंने सचिव पर्यटन को पांच बिंदुओं पर जांच करने के आदेश दिए हैं।

जांच के बिंदुओं में जीएमवीएन के 23 कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने के कारणों एवं औचित्य का विवरण उपलब्ध कराने, निगम के जनसंपर्क अधिकारी को पुणो स्थानांतरित करने का औचित्य बताने, अल्प दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को जानकीचट्टी से कोलकाता भेजे का औचित्य साबित करने एवं इसका उद्देश्य बताने तथा जानकीचट्टी से ही तृतीय श्रेणी के कर्मचारी को हैदराबाद स्थानांतरित करने और सेवा से हटाने के बारे में जानकारी मांगी है। पर्यटन मंत्री ने अस्वस्थ कर्मचारी को जबरन केदारनाथ भेजने, जिसकी बाद में मृत्यु हो गई थी, के मामले पर भी जांच को कहा है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सचिव पर्यटन से इस संबंध में प्रबंध निदेशक की आख्या प्राप्त कर रिपोर्ट देने को कहा है कि निगम के कार्मिकों का उत्पीड़न करने का उद्देश्य क्या है।

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