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एकरोविंग दा विंसी सर्जिकल रोबोट ऑन व्हील्स देहरादून, ऋषिकेश आने के लिए तैयार

देहरादून । रोबोटिक सर्जरी ने प्रमुख भारतीय शहरों में काफी लोकप्रियता हासिल की है-इसकी शुद्धता और सटीकता, सर्जनों को रोगियों पर बेहतरीन नतीजे हासिल करने में मदद करती है। अब यह सुविधा देहरादून, ऋषिकेश और मुजफ्फरपुर में भी उपलब्ध होगी।

पिछले एक साल के दौरान भारतीय अस्पतालों में दा विंसीसर्जिकल रोबोटों की संख्या में 50 फीसदी बढ़ोत्तरी को देखते हुए, इसके वितरक वट्टिकुटी टेक्नोलॉजीस ने एक महत्त्वाकांक्षी विस्तार योजना बनाई है। वट्टिकुटी टेक्नोलॉजीस ने कंप्यूटर की सहायता से सर्जरी, जो कि यूरोलॉजी, गायनेकोलॉजी, थोरासिस, पीडियाट्रिक और सिर व गर्दन के भागों में कैंसर के विविध मामलों से निबटने में मदद कर सकती है, के बारे में सर्जनों और अस्पताल प्रशासकों को परिचित कराने के लिए अपेक्षाकृत छोटे कस्बों और शहरों में रोडशो आयोजित करने की योजना बनाई है।

दा विंसीसर्जिकल रोबोट देहरादून के श्री महंत इंदिरेश हॉस्पिटल और एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज (4 जुलाई), दून हॉस्पिटल (5 जुलाई), हिमालया हॉस्पिटल ( 6 और 7 जुलाई), ऋषिकेश में एम्स (8 जुलाई) और मुजफ्फरपुर में वर्धमान हॉस्पिटल (11 जुलाई) और मेडिकल हॉस्पिटल (12 जुलाई) में सर्जन, डॉक्टर और हॉस्पिटल प्रशासकों के लिए उपलब्ध होगा। पूरे भारत में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह विस्तार योजना एकदम प्रासंगिक है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार हर साल कैंसर के 15 लाख नए मामले सामने आते हैं, किसी भी समय पर 30 लाख से अधिक कैंसर के मामले मौजूद होते हैं और एक वर्ष में 680ए000 से अधिक मौतें हो जाती हैं। यद्यपि जल्दी पता लग जाने से ज़िंदगियां बचाई जा सकती हैं लेकिन आठ में से एक भारतीय ही शुरुआती स्तर में डॉक्टर के पास जाता है। रिपोर्ट किए जाने वाले हर तीन में से एक मामले में ही कैंसर का उपचार हो पाता है। इसकी वजह यह है कि गैर-महानगरीय इलाकों में कैंसर का पता लगाने और इलाज करने की सुविधाएं नहीं हैं, जहां से कैंसर के लगभग 76 प्रतिशत रोगी आते हैं। दा विंसीसर्जिकल रोबोट ने देहरादून, ऋषिकेश और मुजफ्फरपुर की अपनी यात्रा शुरू की।

प्रशिक्षित सर्जनों की अनुपलब्धता, कंप्यूटर की सहायता से की जाने वाली प्रक्रियाओं, और उपकरणों की लागतें, ये सभी टियर 2 और 3 शहरों में रोबोटिक सर्जरी के प्रचलन के रास्ते की रुकावटें हैं। इन रुकावटों को दूर करने के लिएवट्टिकुटी टेक्नोलॉजीसऔर इंट्यूटिव सर्जिकल इंक. अमेरिका और वट्टिकुटी फाउंडेशन अगले छह महीनों के दौरान सर्जिकल रोबोट को एक सचल वाहन पर लगाकर भ्रमण कराते हुए 20 से अधिक शहरों में सर्जनों और अस्पताल प्रशासकों को इस तकनीक के बारे में जागरुक बनाएंगे। एक विशेष सचल वाहन पर दा विंसीसर्जिकल रोबोट एक ऑपरेशन थिएटर को चित्रित करेगा, जिससे छोटे शहरों के डॉक्टरों को जानकारी प्राप्त होगी।

गोपाल चक्रवर्ती सीईओ,वट्टिकुटी टेक्नोलॉजीस ने इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, ‘‘रोविंग रोबोट छोटे शहरों में सर्जनों को दा विंसीसर्जिकल रोबोट की अपार क्षमताए–3-आयामी एचडी विज़न सिस्टम और 10 गुना आवर्धन के साथ कलाई पर लगे सूक्ष्म औजारों द्वारा जो कि मानवीय हाथ की अपेक्षा अधिक कुशलता से मुड़ और घूम सकते हैं, स्वस्थ ऊतकों को बचाए रखकर प्रभावित ऊतकों को हटाने की सुविधा का अनुभव समझने में मदद करेगा। इससे बेहतरीन परिणाम, जल्दी रिकवरी के फायदे मिलते हैं और इस तरह से अस्पताल में भर्ती की लागतें कम होती हैं।’’

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