गैरसैंण राजधानी और ”नशा नहीं रोजगार दो” नारे को लेकर पद यात्रा का आगाज

- स्थायी राजधानी को लेकर सात दिसम्बर से गैरसैंण में आमरण अनशन
नैनीताल : गैरसैंण को प्रदेश की स्थायी राजधानी बनाने की मांग और नशा नहीं रोजगार दो के नारे को लेकर नैनीताल से पदयात्रा का आगाज हो गया है। कांग्रेस नेता पूर्व सांसद महेंद्र पाल ने इसको रवाना किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्य आंदोलनकारी वरिष्ठ पत्रकार राजीव लोचन साह ने इसको समय की मांग और उत्तराखंड की मुख्य मांग बताते हुए कहा कि अन्ना हजारे के आंदोलन से प्रेरणा लेकर युवा इसका आयोजन कर रहे हैं। यह यात्रा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार पदयात्रा 30 नवम्बर को गैरसैंण में संपन्न होगी।
इसके बाद 7 दिसंबर से गैरसैण में आमरम अनशन शुरू किया जाएगा। पदयात्रा में शामिल दिल्ली विवि के छात्र नेता रहे प्रवीण सिंह ने कहा कि उत्तराखंड 17 साल बाद भी जन आंकाक्षाओं के अनुरूप नहीं बन पाया है। देहरादून राजधानी केवल चार जिलों के लिए सुविधा जनक बनी है। पहाड़ से पलायन रूका नहीं है। अधिकारी कर्मचारी पहाड़ जाने को तैयार नहीं हैं।
मुख्य अतिथि डॉ. महेंद्र पाल ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करना होगा। इसके लिए एक बार फिर से जनजागरण की जरूरत है। सरकार का ध्यान जनता के हित में दिलाने में पद यात्रा मददगार साबित होगी। इस मौके पर उतराखंड परिवर्तन पार्टी को प्रमुख पीसी तिवारी, अधिवक्ता डीके जोशी,डीके नोटियाल, पत्रकार महेश चंद्र जोशी, पूर्व सीओ रहे महिला मंच की प्रो. उमा भट्ट, शीला रजवार, सावित्री जंतवाल आदि मौजूद रहे। पद यात्रा में प्रवीण सिंह के साथ ही ऋषिकेश के रामकृष्ण तिवारी, अरविंद हटवाल, देहरादून के आदेश चौधरी आदि शामिल हैं।