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उत्तराखंड में राशन कार्ड पर साढ़े सात की जगह 20 किलो अनाज मिलेगा

राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत तीन माह के लिए प्रति कार्ड वितरण स्केल को बढ़ाया

राशन की दुकान पर एक कार्ड पर मिलेगा 10 किलो गेहूं  और 10 किलो चावल

राज्य में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में 13.47 लाख परिवारों को मिला लाभ

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के मद्देनजर खाद्यान्न व अन्य आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने जनता के हित में कई निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर प्रदेश खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने कई व्यवस्थाएं जुटाई हैं। 
राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत 10.28 लाख परिवारों के लिए राज्य सरकार ने तीन माह(अप्रैल-मई जून 2020) हेतु प्रति कार्ड वितरण स्केल को बढ़ाते हुए 20 किलोग्राम खाद्यान्न (10 किलोग्राम गेहूं  व 10 किलोग्राम चावल) प्रति कार्ड करने का निर्णय लिया है। जिसमें राज्य योजना के लाभार्थियों को प्रतिमाह प्रति कार्ड 7.5 किलोग्राम के स्थान पर 20 किलोग्राम राशन उपलब्ध हो सकेगा। जिसका आवंटन करते हुए उठान एवं वितरण शीघ्र सुनिश्चित किया जाएगा।
23.50 लाख कार्ड धारकों को तीन माह का एडवांस खाद्यान्न
राज्य के सभी लगभग 23.50 लाख राशन कार्ड धारकों के लिए 3 माह ( अप्रैल-मई जून 2020) का एडवांस खाद्यान्न आवंटित करते हुए समस्त 9225 एफपीएस के माध्यम से वितरण कराया जा रहा है। अभी तक 13.47 लाख राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के परिवारों तथा 10.28 लाख राज्य खाद्य योजना के परिवारों को कुल लगभग 7.31 लाख कुंतल खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में तीन माह तक प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो चावल निशुल्क
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के समस्त 13.47 लाख परिवारों को 3 माह के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह निशुल्क पांच किलोग्राम चावल का आवंटन किया है। माह अप्रैल 2020 के लिए उठान एवं वितरण तत्काल शुरू करते हुए 12.55 लाख परिवारों में 2.88 लाख कुंतल चावल वितरित किया जा रहा है। माह मई 2020 का वितरण भी एक मई से प्रारंभ किया गया है। माह जून का वितरण जून में किया जाएगा।
बिना राशन कार्ड वाले गरीबों व श्रमिकों को 1.33 लाख किट वितरित
ऐसे गरीब परिवार एवं श्रमिक जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, तात्कालिक रूप से सभी को निशुल्क राशन का वितरण जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से निरंतर करवाया जा रहा है। जनपदों के अनुसार लगभग 1.33 लाख किट वितरित की जा चुकी हैं। 
तत्काल डिजिटलीकरण से 18 हजार से अधिक लाभान्वित
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लक्ष्य के अनुसार पात्र लाभार्थियों के डाटा को डिजिटाइज करते हुए तत्काल राशन उपलब्ध कराने तथा राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत भी अतिरिक्त पात्र लाभार्थियों के डाटा डिजिटाइज करते हुए तत्काल राशन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें 5073 राशन कार्डो को तत्काल ऑनलाइन करते हुए 18108 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है।
राशन की दुकानों पर 23 अन्य आवश्यक वस्तुएं 
सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं के माध्यम से राशन के अतिरिक्त 23 अन्य आवश्यक वस्तुएं भी उपलब्ध कराई जा रहे हैं। वर्तमान में 3969 राशन की दुकानों में अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध है। वरिष्ठ नागरिकों, असहाय व्यक्तियों एवं बीमार व्यक्तियों को दूरभाष के माध्यम से डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
आटा मिलों और खाद्य तेल मिलों का नियमित संचालन
प्रदेश की आटा मिलो एवं खाद्य तेल मिलो का प्रोडक्शन संचालन नियमित किया जा रहा है । गेहूं की खुले बाजार में कमी होने पर एफसीआई के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है। 13775.31 कुंतल गेहूं एफसीआई के माध्यम से उपलब्ध कराया जा चुका है।
जन आपूर्ति एप
नगरीय क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के व्यापारियों के साथ समन्वय बनाते हुए आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी करवाई जा रही है। जिसके लिए बड़े बड़े प्रतिष्ठानों के दूरभाष नंबर एवं मोबाइल एप का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। प्रतिदिन लगभग 500 से 600 होम डिलीवरी की जा रही है। जिसमें सामाजिक दूरी का अनुपालन कराया जा सके एवं नागरिकों को घर पर ही आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हो सकें। होम डिलीवरी को नागरिकों के लिए सुगम बनाने हेतु जन आपूर्ति उत्तराखंड एप की सुविधा गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध कराई गई है।
सब्जियों, फलों व दूध की उपलब्धता सुनिश्चित
मंडी समितियों एवं डेयरी विभाग के माध्यम से सब्जी फलों एवं दूध की उपलब्धता को नियमित रूप से मॉनिटर किया जा रहा है। साथ ही थोक दरो पर डिलीवरी वैन के माध्यम से आमजन को सब्जी एवं फलों आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। साथ ही राशन की दुकानों के माध्यम से भी निर्धारित दरों पर आलू प्याज का वितरण कराया जा रहा है।
मूल्य नियंत्रण केन्द्र
 चार मूल्य नियंत्रण केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। जिला अधिकारियों द्वारा खाद्यान्न की वस्तुओं के मूल्य निर्धारित किए जा रहे हैं। खुले बाजार में स्टॉक पर नजर रखी जाती है। राशन, खाद्य पदार्थ एवं किराना से संबंधित दुकानों में आवश्यक वस्तुओं की मूल्य सूची अनिवार्य रूप से चस्पा करवाई जा रही है।
जनपदों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत राशन, खाद्य पदार्थ एवं किराना से संबंधित दुकानों को अधिक समय तक खुला रखने तथा इनके निर्बाध आपूर्ति हेतु आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।
आवश्यक वस्तुओं के निर्बाध परिवहन की व्यवस्था
पेट्रोलियम प्रोडक्ट, एलपीजी एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं के वाहनों की निरंतरता तथा निर्बाध परिवहन सुनिश्चित किए जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, परिवहन विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के समन्वय से आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं। आवश्यकता अनुसार अन्य राज्यों से भी समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक वस्तुओं की निरंतरता सुनिश्चित की जा रही है।
सभी थोक विक्रेताओं/कमिशन एजेंट्स एवं फुटकर विक्रेताओं को दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं को इस संकट की घड़ी में आवश्यक रूप से उचित मूल्य एवं उचित मात्रा पर वितरण करने के लिए निरंतर निर्देशित किया जा रहा है। एमआरपी का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही ओवर रेटिंग को रोकने के लिए जनपद में आपूर्ति, बाट माप, खाद्य सुरक्षा, मंडी एवं डेयरी की संयुक्त टीम निरंतर छापेमारी भी कर रही है।
आवश्यक वस्तुओं से संबंधित व्यवसायों यथा फुटकर विक्रेताओं, आढ़तियों, थोक विक्रेताओं, रिटेल स्टोर्स, फ्लोर मिल, राइस मिल, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, सरकारी खाद्यान्न गोदाम, राशन की दुकानों, डेरी आदि को निरंतर खुलवाया जा रहा है। तथा इनके परिवहन कार्य में लगे लोगों मजदूरों एवं ढुलान कार्य में लगे लोगों को निरंतर कार्य किए जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिससे आवश्यक वस्तुओं की सुलभता बनी रहे।
टोल फ्री नम्बर पर शिकायतों का निस्तारण
इसके अतिरिक्त राज्य के उपभोक्ताओं को खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं से संबंधित जानकारी प्रदान करने तथा खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं से संबंधित किसी भी प्रकार की कठिनाई उत्पन्न होने पर अपनी समस्या को दर्ज कराने एवं उसके तात्कालिक निवारण हेतु टोल फ्री नंबर 1800-180-4188  प्रातः 7:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक संचालित किया जा रहा है। जिसमें अभी तक कुल 838 शिकायत प्राप्त हुई है और 493 का निस्तारण किया जा चुका है।
गेहूँ खरीद की प्रक्रिया शुरू
वर्तमान परिपेक्ष में किसानों की स्थिति एवं फसलों के तैयार होने के दृष्टिगत रबी खरीद सत्र 2020-21 में गेहूं खरीद 15 अप्रैल से प्रारंभ की जा चुकी है। सरकार ने इसके लिए 35 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। राज्य में 1.29 हजार कुंतल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। जिसके सापेक्ष 20 करोड़ की धनराशि का भुगतान 48 घंटे की निश्चित अवधि के भीतर लगभग 2334 किसानों को किया जा चुका है।
खरीद की प्रक्रिया में सामाजिक दूरी के अनुपालन के लिए प्रत्येक खरीद केंद्र पर प्रतिदिन गेहूं खरीदने हेतु 10 किसानों या 500 कुंतल की सीमा निर्धारित की गई है। साथ ही टोकन सिस्टम की व्यवस्था की गई है। ई-खरीद पोर्टल पर ऑनलाइन टोकन की भी सुविधा दी जा रही है।

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