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गिरफ़्तारी के खिलाफ हाई कोर्ट की शरण में पंकज पांडेय
- एनएच-74 घोटाले में निलंबित आईएएस हाईकोर्ट गए
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । सूबे के चर्चित 400 करोड़ के एनएच-74 घोटाले में निलंबित आईएएस पंकज पांडे अब हाईकोर्ट की शरण में चले गए हैं। उन्होंने बुधवार को कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। कोर्ट ने याचिका दाखिल करते हुए उन्हें सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख दी गई है।
गौरतलब हो कि एनएच 74 मुआवजा घोटाले की जांच में अब तक पांच पीसीएस अफसरों समेत 22 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें दो नायब तहसीलदार, राजस्व विभाग के कर्मचारी और किसान व बिचौलिए शामिल हैं। मामले में एक एसडीएम और तहसीलदार जेल में हैं। इसके अलावा अलग-अलग मामलों में करीब 15 करोड़ रुपये की वसूली भी हो चुकी है।
एसआईटी ने सरकार से पंकज पाण्डे के खिलाफ अभियोजन दर्ज करने की स्वीकृति मांगी थी। ऐसे में अगर सरकार ने इजाजत दी तो तत्काल उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। इसलिए उन्होंने पहले ही गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की है। ऊधमसिंहनगर जनपद में एनएच 74 के चौड़ीकरण के लिए भूमि का अधिग्रहण हुआ। भूमि का लैंड यूज बदलकर कई गुना मुआवजा वसूला गया।
तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर डी. सेंथिल पांडियन की प्राथमिक जांच में यह तथ्य सामने आया था कि वर्ष 2015 में कंप्यूटर खतौनी में जो भूमि अकृषि दर्ज की गई वो 2011 से 2015 के बीच के वर्षों में कृषि भूमि थी। भूमि की फसल पैदावर भी दर्शायी गई। चुनिंदा किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि भूमि को अकृषि दर्शाकर कई गुना मुआवजा वसूलने की साजिश की गई। इस साजिश में राजस्व विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं अन्यों की भूमिका रही, जिनके नाम एक-एक करके सामने आ रहा है।