गढ़वाली के वंशजों की बेदखली पर साथ हुए सीएम और हरक
- सीएम और डॉ. हरक की पहल के बाद हरकत में आई यूपी सरकार
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुख्यमंत्री ने की थी शिकायत
- योगी को वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने लिखी थी मामले पर गंभीर चिट्ठी
- वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के परिजनों जल्द मिलेगा न्याय
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। लखनऊ में मध्य क्षेत्रीय राज्यों कि बैठक के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा जहां वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के परिजनों को उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा पट्टे की भूमि से बेदखल करने के नोटिस के मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुत ही गंभीरता से लिया है। तो वहीं उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत की चिट्ठी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार हरकत में आ गया है। मुख्यमंत्री की बातों और सूबे के वन मंत्री हरक सिंह रावत के पत्र का सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। मामले में प्रदेश के वन एवम पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने योगी आदित्यनाथ को एक भावुक पत्र लिखकर देश की आज़ादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जी के वंशजों को बिजनौर के डीएफओ द्वारा लीज़ की जमीन से बेदखल करने के आदेश को वापस लेने व दोषी अधिकारियों को दंडित करने की मांग की थी।
मामले में डॉ. रावत के पत्र का अविलम्ब संज्ञान लेते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने डॉ. हरक सिंह रावत को गढ़वाली के वंशजों का दूरभाष नम्बर उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि उनसे मामले कि जानकारी लेकर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जा सके। उम्मीद है कि अब योगी जी की इस तत्परता से जल्द ही वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जी के वंशजों को न्याय मिल पायेगा।
क्या था पूरा मामला जानिए ……
ऐतिहासिक पेशावर विद्रोह के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को 21 जनवरी 1975 में कोटद्वार से लगे जनपद बिजनौर की हल्दूखाता वन क्षेत्र के कंपार्टमेंट सात में 10 एकड़ वन भूमि 90 साल की लीज पर सशुल्क दी गई थी। वर्तमान में आर्थिक दुश्वारियों के चलते लीज का शुल्क अदा करने में यह परिवार अक्षम है। इस बीच बीती 30 अगस्त को उप्र बिजनौर वन प्रभाग के डीएफओ की ओर से नोटिस जारी किया गया। इसमें इस वन भूमि पर काबिज गढ़वाली के परिवार को अतिक्रमणकारी घोषित कर भूमि खाली करने के आदेश दिए गए हैं। इस नोटिस के बाद पेशावर कांड के नायक के परिवार पर आया यह संकट सुर्खियों में है।पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के परिजनों को उत्तर प्रदेश वन विभाग की ओर से दिए नोटिस के मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है।
मामले के संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री ने जहां एक बैठक के दौरान योगी से मामले पर चर्चा की वहीं प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने इस मामले में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा। पत्र में जहां गढ़वाली के शौर्य की कहानी बयां की गई है, वहीं परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति का जिक्र भी किया गया है। कहा गया है कि भले ही उप्र शासन की ओर से गढ़वाली को दस एकड़ भूमि 90 वर्षों की लीज पर दी हो, लेकिन वर्तमान में उनके वंशजों की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है और वो लीज का शुल्क वहन करने में असमर्थ हैं। पत्र में मुख्यमंत्री से लीज शुल्क माफ करने का आग्रह किया गया।
कैबिनेट मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने पत्र में कहा है कि उप्र सरकार के एक नोटिस से समूचा उत्तराखंड आहत है। उन्होंने मामले का समाधान करने के साथ ही वन विभाग के उन संवेदनहीन अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई का आग्रह किया है, जिन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के परिवार का अपमान किया है। उन्होंने उप्र के मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया है कि गढ़वाली के परिवार को मिली भूमि पर लीज का शुल्क माफ कर दिया जाए।