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UNHRC में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान ने एक बार फिर मुंह की खाई

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाक की झूठी दलीलों को किया खारिज

भारत को अपने आंतरिक मामले में कोई हस्तक्षेप स्वीकार नहीं 

जेनेवा, प्रेट्र : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का मुद्दा उठाने पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है। मंगलवार को पाकिस्तान की झूठी दलीलों और अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग पर भारत ने कहा कि जांच तो दूर, कश्मीर पर पड़ोसी को बोलने का भी हक नहीं। भारत ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना भारतीय संसद द्वारा किया गया एक संप्रभु निर्णय है। भारत अपने आंतरिक मामले में कोई हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकता।

यूएनएचआरसी के 42वें सत्र में पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयान पर भारत के प्रतिक्रिया के अधिकार का प्रयोग करते हुए विदेश मंत्रलय के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘इस मंच को झूठी दलीलों के साथ राजनीतिक रंग देने और ध्रुवीकरण की कोशिश में दिए गए पाकिस्तान के बौखलाहट भरे बयान पर हमें कोई आश्चर्य नहीं है। पाकिस्तान समझ गया है कि हमारे फैसले ने सीमापार से आतंकवाद को लगातार पोषित करने की राह में बाधा पैदा करते हुए उसके पैरों तले से जमीन खींच ली है।’ आर्यन ने पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के भारत विरोधी बयानों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कुछ पाकिस्तानी नेता जम्मू-कश्मीर में ¨हसा भड़काने के लिए जेहाद की अपील भी करने लगे हैं। वो दूसरे देशों के सामने नरसंहार की तस्वीर पेश करने में लगे हैं, जबकि उन्हें भी पता है कि यह सच से कोसों दूर है।’ आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान यहां मानवाधिकारों का वैश्विक पैरोकार बनने की कोशिश में है लेकिन दुनिया मूर्ख नहीं बन सकती है। पाक की वाहियात कोशिशों से उसके यहां अल्पसंख्यकों की दयनीय स्थिति से दुनिया का ध्यान हट नहीं जाएगा।

इससे पहले विदेश मंत्रलय के पूर्वी मामलों की सचिव विजय ठाकुर सिंह ने भी इशारों में पाकिस्तान को लताड़ लगाई थी। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के बहाने दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक एजेंडे के लिए वैश्विक मंचों का दुरुपयोग करने वालों की निंदा होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर उन्होंने कहा, ‘हम दोहराना चाहते हैं कि संसद द्वारा पारित अन्य कानूनों की तरह यह एक संप्रभु निर्णय है, जो पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। कोई भी देश अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकता है। भारत तो बिल्कुल भी नहीं।’ असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को भी सिंह ने भारत के सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उठाया गया वैधानिक, पारदर्शी और बिना भेदभाव के उठाया गया कदम बताया।

पिटता ही रहा है पाक : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने से बौखलाया पाक इस मसले पर दुनिया के विभिन्न मंचों पर पिटता ही रहा है। त्उसे किसी देश का साथ नहीं मिला। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे पर पाक व चीन अकेले पड़ गए थे। मुस्लिम देशों ने भी साथ नहीं दिया। हाल में मालदीव की संसद में भी पाक को मुंह की खानी पड़ी थी।

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