अमेरिका की निगरानी सूची में धार्मिक आजादी को लेकर पाकिस्तान

- झल्लाया पाक बोला कि भारत की भाषा बोल रहा अमेरिका
वाशिंगटन : धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघनों को देखते हुए अमेरिका ने पाकिस्तान को विशेष निगरानी सूची में डाल दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने यह जानकारी दी। यह घोषणा ऐसे वक्त हुई है, जब अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने 10 देशों को खास चिंता वाले देशों के तौर पर विशेष पुन: वर्गीकरण का फैसला किया है, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है। विदेश विभाग के प्रवक्ता हीदर नौअर्ट ने कहा, विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को भी धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघनों को लेकर विशेष निगरानी सूची में डाल दिया यही । हालाँकि पाकिस्तान के संबंध में अन्य कोई स्पष्टीकरण तत्काल उपलब्ध नहीं है।
गौरतलब हो इससे पहले हालाँकि पाक ने आतंकवाद को पनाह देने को लेकर अमेरिका से लगातार मिल रही फटकार के बाद पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि वाशिंगटन भारत की भाषा बोल रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस्लामाबाद के खिलाफ हाल की टिप्पणियों से जाहिर है कि वह भारत की भाषा बोल रहे हैं। आसिफ राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संसदीय समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, अमेरिका अफगानिस्तान में अपनी नाकामी के लिए पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रहा है।
वहीँ ट्रंप आरोप लगा चुके हैं कि पाकिस्तान ने 33 अरब डॉलर की अमेरिकी मदद के बदले उसको धोखा और झूठ के सिवाय कुछ नहीं दिया है। अमेरिका से मदद लेने के बावजूद वह आतंकियों को पनाह देता रहा है। इन आरोपों के साथ ही अमेरिका ने पाकिस्तान को 25.5 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद रोक दी। अमेरिका ने आतंकियों को पनाह देने की सजा के तौर पर पाकिस्तान के खिलाफ जल्द ही और कदम उठाने की बात कही है।
आसिफ ने कहा, ट्रंप भारत की भाषा बोल रहे हैं। अमेरिकी नेताओं का बयान तथ्यों के विपरीत है। संसदीय समिति की बैठक के बाद नेशनल असेंबली के अध्यक्ष अयाज सादिक ने कहा, अमेरिकी बयानों पर संतुलित प्रतिक्रिया की जरूरत है। अमेरिका से बातचीत में मुल्क की प्रतिष्ठा को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि संसदीय समित अगले सप्ताह फिर बैठक करेगी।
बैठक में उपस्थित रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने कहा, ट्रंप के बयान से जाहिर है कि हमें समग्र रूप से इस स्थिति की समीक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या अमेरिका ऐसे हालात पैदा कर देगा जिससे पाकिस्तान की हानि हो। इसको लेकर हमें तैयार रहना होगा, लेकिन अमेरिका से बातचीत जारी रखनी होगी।
नौअर्ट ने गुरुवार को एक बयान में कहा, दुनियाभर में कई स्थानों पर लोगों को अपने धर्म की आजादी का पालन करने पर अब भी उत्पीड़न, अभियोजन का सामना करना पड़ता है और सलाखों के पीछे जाना पड़ता है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी कानून, 1998 के अनुसार विदेश मंत्री हर साल उन सरकारों को खास चिंता वाले देशों के रूप में नामित करते हैं, जो धार्मिक आजादी के भयंकर उल्लंघन में शामिल हैं या उन्हें नजरअंदाज करती हैं।
उन्होंने कहा, आज विदेश विभाग ने घोषणा की कि विदेश मंत्री ने म्यांमार, चीन, इरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, सूडान, सऊदी अरब, तजिकिस्तान, तुर्केमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान को 22 दिसंबर 2017 को खास चिंता वाला देश करार दिया।