अब विधायक महेश नेगी ने लगाया अफसरशाही पर बेलगाम होने का आरोप

विधायक और अपर मुख्य सचिव में हुई तीखी नोंक-झोंक
एसीएस ओमप्रकाश पर पहाड़ विरोधी होने का विधायक ने लगाया आरोप
अधिकारियों पर मनमानी के पहले भी लगते रहे हैं आरोप
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के चर्चे आजकल सरे आम हैं कभी इसी तरह के चर्चे पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा के भी हुआ करते थे तो कभी पूर्व प्रमुख सचिव पीसी शर्मा के भी सचिवालय में हुआ करते थे। पीसी शर्मा व डॉ.हरक सिंह रावत व पूर्व विधायक रणजीत रावत के किस्से तो तिवारी सरकार में सुर्ख़ियों तक में आ गए थे तो वहीँ हरीश रावत सरकार में राकेश शर्मा और पूर्व विधायक ललित फरस्वान व हरीश धामी के बीच नोंक झोंक की चर्चे भी सत्ता के गलियारों में सुनायी दिए थे इसी तर्ज पर अब टीएसआर सरकार में द्वाराहाट विधायक महेश नेगी और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव के बीच तीखी नोंक झोंक की चर्चा सचिवालय से लेकर विधानसभा के गलियारों में बहुत ही चटखारे के साथ सुनने को मिल रहे हैं।
ताजे मामला मुख्यमंत्री के मुंह लगे अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश का है, ओम प्रकाश पर राज्य के अस्तित्व में आने दिन से लेकर आज तक पहाड़ की उपेक्षा के साथ –साथ पहाड़ के लोगों की उपेक्षा के आरोप लगते रहे हैं। इसी उपेक्षा से आजिज विधायकों के आक्रोश अब खुलकर सामने भी आने लगा है। इसी बानगी उस वक्त दिखी जब सचिवालय में एक विधायक महेश नेगी और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के मध्य किसी बात को लेकर बहस हो गई। इतना ही नहीं बाद में तीखी नोकझोंक भी हुई। विधायक नेगी ने अफसरों पर विधायकों की बात को अनसुना करने व पहाड़ की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
प्रदेश में गुड गवर्नेंस के नारे के साथ प्रचंड बहुमत से सत्तासीन हुई भाजपा सरकार से उम्मीद थी कि लंबे समय से हावी अफसरशाही पर कुछ तो लगाम लग सकेगी। लेकिन शायद अफसर पुरानी आदत से बाज आने को तैयार नहीं है। पूर्व में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत सार्वजनिक मंच से प्रदेश गठन के दौर से ही अफसरशाही के हावी होने पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने इशारों- इशारों में मौजूदा सरकार में भी इसी चिंतनीय परिपाटी के जारी रहने पर निराशा व्यक्त की थी। इससे जनप्रतिनिधियों में आक्रोश पनप रहा है।
इसकी एक बानगी विगत दिवस सचिवलाय में देखने को मिली। बताया जा रहा है कि बीते दिवस द्वाराहाट के भाजपा विधायक महेश नेगी अपने क्षेत्र की कुछ योजनाओं को लेकर सचिवालय पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान उनकी मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश से किसी बात को लेकर बहस हो गई। मामला आगे बढ़ा तो दोनों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। इस दौरान विधायक ने अफसर पर पहाड़ी क्षेत्र की उपेक्षा का भी सीधा आरोप लगाया। यह मामला सचिवालय में खासी चर्चा का बना हुआ है।
सत्तारूढ पार्टी के विधायक महेश नेगी का आरोप है कि अफसर इतने बेलगाम हो चुके हैं कि शासन में विधायकों की बातों को भी तवज्जो नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि जब विधायकों की यह स्थिति है तो आम जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। विधायक नेगी का कहना है कि शासन में बैठे आला अफसर पहाड़ की उपेक्षा पर भी आमादा हैं। अफसरों द्वारा पहाड़ के विकास को लेकर आने वाली योजनाओं के प्रस्तावों को ठंडे बस्तें में डालकर अपनी मनमर्जी के मुताबिक योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
दरअसल, प्रचंड बहुमत के कारण सत्तारूढ़ दल के अनेक विधायकों की शासन में सुनवाई न होने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। भले ही किसी विधायक व आला अफसर के मध्य तीखी नोकझोंक का यह पहला मामला प्रकाश में आया हो, लेकिन अंदर ही अंदर अनेक विधायक अपनी व अपने क्षेत्र की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि विधायक हालात में सुधार की उम्मीद के साथ खामोश बैठे हैं लेकिन यदि उपेक्षा का सिलसिला इसी प्रकार बदस्तूर जारी रहा तो इस प्रकार के असंतोष का दायरा बढ़ना तय है, और विधायकों के भीतर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के खिलाफ सुलग रही आग न जाने किस दिन दावानल का रूप ले ले इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता है।