UTTARAKHAND

वाट्सएप पर बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षक भाष्कर जोशी, कोई भी बच्चा ज्वाइन कर सकता है क्लास

नोट्स हाथ से लिखकर बच्चों तक पहुंचा रहे 
फोन पर बच्चों की समस्याओं को दूर कर रहे
कोई भी बच्चा जुड़ सकता है वाट्सएप ग्रुप से

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

हल्द्वानी। अल्मोड़ा के राजकीय प्राइमरी स्कूल बजेला के शिक्षक भाष्कर जोशी चाहते हैं कि लॉकडाउन में बच्चे घरों पर ही रहें, लेकिन उनकी पढ़ाई का क्रम न टूटे। बच्चे चाहें उनके स्कूल के हों या फिर किसी और स्कूल के, चाहे राजकीय स्कूलों के छात्र हों या फिर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले, पढ़ाई जारी रहनी चाहिए।

शिक्षक जोशी ने व्हाट्सएप पर एक ग्रुप बनाया है, जिससे कोई भी छात्र जुड़कर प्रतिदिन हाथ से लिखे नोट्स, कुछ वीडियो लिंक्स, पाठ्यक्रम से संबंधित वीडियो, प्रश्न और उनके उत्तर, एनसीईआरटी की पुस्तिकाओं की पीडीेएफ इस ग्रुप में हासिल कर सकता है। जो भी छात्र इस समूह से जुड़ना चाहे वो 8899477295 पर जुड़ने के लिए अपना और विद्यालय का नाम उपलब्ध करा सकते है।

जोशी जी बताते हैं कि उनके विद्यालय के लगभग आधी संख्या में बच्चों के पास वाट्सएप वाले फोन नहीं हैं, लेकिन हमारी कोशिश है कि हम जितना संभव हो सके,बच्चों को शिक्षा को घर बैठे ही जारी रखें। सामान्य फोन वाले बच्चों की जिज्ञासाओं के जवाब फोन पर देने की कोशिश की जा रही है।

अब आपको बताते हैंं कि इस ग्रुप में बच्चों की पढ़ाई के लिए क्या क्या उपलब्ध है- एनसीईआरटी की पुस्तिकाएं पीडएफ में, पाठों के वीडियो लिंक्स, हस्तलिखित प्रश्न, जनरल नॉलेज के प्रश्न और उनके उत्तर, आपके प्रश्नों के उत्तर, योगाभ्यास के लिए मार्गदर्शन, कहानी और कविताओं के चित्र।

शिक्षक जोशी बताते हैं कि हम बच्चों के लिए इस ऑनलाइन क्लास में प्रतिदिन उपलब्ध हैं। हम एनसीईआरटी की वेबसाइट से सबसे पहले संबंधित कक्षा की पाठ्य पुस्तक डाउनलोड करते हैं। उनके पाठ बच्चों को भेजते हैं। पाठ के साथ अपने हाथ से लिखें प्रश्न और उनके उत्तर दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया प्रतिदिन चलती है।

बच्चे जहां कहीं कोई समस्या पाते हैं तो फोन करके पूछ लेते हैं। हमारे पर्वतीय क्षेत्रों में नेटवर्क कम रहता है, इसलिए वीडियो भेजने में समस्या आती है, लेकिन फिर भी यह कार्य किया जा रहा है और इसका बेहतर परिणाम भी मिल रहा है।

शिक्षक भाष्कर जोशी ने बताया कि 14 मार्च से बच्चे अवकाश पर हैं, लेकिन कुछ ना कुछ रचनात्मक गतिवधियां कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें अधिगम सामग्री व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त हो रही है। विद्यालय खुलने पर अवकाश के दिनों में पढ़ाए गए पाठ को रिवाइज किया जाएगा।

बच्चो से फीडबैक लेने के लिए उनसे किए गए कार्य की फ़ोटो भेजने को कहा जाता है। बच्चो से वॉइस काल कर के लगातार संवाद किया जा रहा है।,जिनके पास व्हाट्सएप की सुविधा नहीं हैं, वो बच्चे फोन पर जानकारी ले सकते हैं।

जोशी बताते हैं कि इस ऑनलाइन क्लास के अच्छे परिणाम आ रहे हैं। बच्चे उनसे फोन पर पढ़ाई से संबंधित दिक्कतों का समाधान करा रहे हैं। कुछ बच्चे तो अपनी क्रियेटिविटी को भी उन तक पहुंचा रहे हैं।

 

devbhoomimedia

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