CRIME

आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने पर नर्सिग होम पर ठोका मुकदमा

आरोप : मरीजों के दस्तावेजों में हेराफेरी कर हड़पे चार लाख 

एक ही रोगी का कई बार फर्जी इलाज दिखाकर लिया भुगतान

काशीपुर के डा. पुनीत बंसल पर मुकदमा

अटल आयुष्मान योजना में धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने गुरुवार देर शाम काशीपुर के देवकीनंदन नर्सिग होम संचालक डॉ. पुनीत बंसल के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया। उन पर गलत दस्तावेज तैयार कर मरीजों के इलाज के नाम पर लाखों रुपये की सरकारी धनराशि हड़पने का आरोप है।

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना राज्य स्वास्थ्य अभिकरण की जांच के बाद डॉ. पुनीत बंसल को 10 जून को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने 16 मई तक कुल 143 मरीजों के इलाज का दावा किया था।

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून: अटल आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध प्रदेश के नर्सिंग होम और अस्पताल लगातार फर्जीवाड़े में फंसते जा रहे हैं। ऐसा ही मामला देहरादून के इन्दर रोड स्थित विनोद आर्थो क्लीनिक व नर्सिग होम का सामने आया है।  जहाँ एक ही रोगी का एक से अधिक बार इलाज दिखाकर भुगतान प्राप्त करने के मामले में फर्जीवाड़ा कर चार लाख रुपये से अधिक की रकम डकारने पर विनोद आर्थो क्लीनिक व नर्सिग होम संचालक पर डालनवाला कोतवाली में धोखाधड़ी की मुकदमा दर्ज किया गया है।

विनोद आर्थो क्लीनिक व नर्सिग होम संचालक पर आरोप है कि उन्होंने कई मामलों में एक ही रोगी का एक से अधिक पैकेज में इलाज दिखाकर भुगतान प्राप्त कर लिया था। मामले के पकडे जाने के बाद राज्य स्वास्थ्य अभिकरण (एसएचए) उस पर करीब साढ़े नौ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

डालनवाला कोतवाली में राज्य स्वास्थ्य अभिकरण (एसएचए) के अधिशासी सहायक धनेश चंद्र ने रिपोर्ट में पुलिस को बताया कि विनोद आर्थो क्लीनिक, इंदर रोड का अटल आयुष्मान योजना में चयन होने के बाद पाया गया कि नर्सिग होम ने 126 केस में से 22 केस में बिना पूर्व अनुमति के ही सर्जरी कर दी थी। इसके अलावा अन्य 135 केस में से 75 केस में एक ही रोगी का एक से अधिक पैकेज में इलाज दिखाकर भुगतान प्राप्त कर लिया।

राज्य स्वास्थ्य अभिकरण (एसएचए) को प्रारंभिक जांच में जब संदेह हुआ तो SHA ने गहराई से जांच की तो पता चला कि अधिकांश मरीजों के दस्तावेजों में गड़बड़ी की गई है। इसके बाद एक जून को नर्सिग होम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और जवाब आने के बाद 25 जुलाई को नर्सिग होम की योजना से संबद्धता खत्म कर दी गई।

आरोप ये भी है कि 29 अन्य केस में 272750 रुपये के क्लेम में गड़बड़ी मिली थी, जिसमें नर्सिग होम पर 2182000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। वहीं 72 अन्य केस में 26 के क्लेम के भुगतान पर रोक लगा दी गई, इसमें से 47 केस में 1821250 रुपये का ही भुगतान अनुमन्य है। SHA के अनुसार  नर्सिग होम से कुल 277200 रुपये की वसूली की जानी है। यदि नर्सिग होम की ओर से धनराशि वापस नहीं की जाती है तो उसके खिलाफ वसूली की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

मामले में इंस्पेक्टर डालनवाला राजीव रौथाण ने बताया कि नर्सिग होम संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। SHA की ओर से जो दस्तावेज सौंपे गए हैं, उसका परीक्षण करने के साथ आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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