UTTARAKHAND

उत्तराखंड का पहला मामला: वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी को किया जबरन रिटायर

कामकाज में लेटलतीफी और अपेक्षानुरूप परफॉरमेंस न देने पर गिरी गाज़ 

अपेक्षानुरूप परफॉरमेंस न देने वाले अफसरों को जबरन रिटायर  करने का पहला मामला 

राजीव कुमार इसी महीने की 30 तारीख को हो जाएंगे रिटायर

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नैनीताल: कामकाज में लेटलतीफी और अपेक्षानुरूप परफॉरमेंस न होने के चलते नैनीताल हाईकोर्ट ने वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी राजीव कुमार को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी। अभी उनकी उम्र 50 साल है। कामकाज के आकलन के बाद यह कदम उठाया गया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के स्तर से इस आशय का आदेश भी जारी किया जा चुका है। इस फैसले के तहत राजीव कुमार इसी महीने की 30 तारीख को रिटायर हो जाएंगे। उत्तराखंड में इस तरह का यह पहला मामला है।

केंद्र सरकार महकमों के कामकाज में तेजी लाने के लिए कार्मिकों की 50, 55 व 58 साल में परफॉरमेंस का आकलन करा रही है। अपेक्षानुरूप परफॉरमेंस न देने वाले अफसरों को जबरन रिटायर करने का फार्मूला निकाला गया है। इसके तहत केंद्र सरकार अब तक कई अधिकारियों को सेवानिवृत्त भी कर चुकी है।

परफॉरमेंस के आकलन के बाद नैनीताल हाईकोर्ट प्रशासन ने शासन को भेजी थी इस आशय की संस्तुति

इधर, उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने भी अधीनस्थ अदालतों के तैनात न्यायिक अफसरों के कामकाज का आकलन शुरू कर दिया है। इसके तहत भ्रष्टाचार की शिकायतों के साथ ही कामकाज में पारदर्शिता, अदालती आदेशों की डिलीवरी समेत कई मानकों पर न्यायिक अधिकारियों की परफॉरमेंस का आकलन किया जा रहा है। इस कड़ी में हाईकोर्ट प्रशासन के स्तर से देहरादून की स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष राजीव कुमार को जबरन रिटायर करने की सिफारिश शासन को भेजी थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्यपाल की मंजूरी के बाद शासन के स्तर पर कार्रवाई अमल में लाई गई। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के स्तर से 12 सितंबर को वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी राजीव कुमार को जबरन सेवानिवृत्ति का आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश में जिक्र किया गया है कि 50 साल के राजीव कुमार इसी महीने की 30 तारीख को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल एचएस बोनाल ने रिटायरमेंट का आदेश जारी होने की पुष्टि की है। बता दें कि जबरन सेवानिवृत्ति पाने वाले राजीव कुमार 2003 बैच के न्यायिक अधिकारी हैं। वह मूल रूप से हरिद्वार जिले के रुड़की निवासी हैं।

Dev Bhoomi Media

तीन दशक तक विभिन्न संस्थानों में पत्रकारिता के बाद मई, 2012 में ''देवभूमि मीडिया'' के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह पत्रकारिता को बचाए रखना है .जो पाठक पत्रकारिता बचाए रखना चाहते हैं, सच तक पहुंचना चाहते हैं, चाहते हैं कि खबर को साफगोई से पेश किया जाए न कि किसी के फायदे को देखकर तो वे इसके लिए सामने आएं और ऐसे संस्थानों को चलाने में मदद करें। एक संस्थान के रूप में ‘ देवभूमि मीडिया’ जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है। खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है। जैसे-जैसे हमारे संसाधन बढ़ेंगे, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव अवश्य दें। आप अपना सुझाव हमें हमारे ई-मेल devbhumi.media@gmail.com अथवा हमारे WhatsApp नंबर +919719175755 पर भेज सकते हैं। हम आपके आभारी रहेंगे

Related Articles

Back to top button
Translate »